अतिक्रमण हटाकर गंगटा तालाब का जीर्णोद्धार करे नगर प्रशासन
संस गोड्डा जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 13 -14 के बीच अवस्थित प्राचीन गंगटा तालाब अतिक्रमण का
संस, गोड्डा : जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 13 -14 के बीच अवस्थित प्राचीन गंगटा तालाब अतिक्रमण का शिकार हो गया है। अगर अतिक्रमण हटाकर इस तालाब का जीर्णोद्धार करा दिया जाता तो यह शहरी क्षेत्र में जल संरक्षण का बेहतर विकल्प बन सकता है। वर्तमान में अतिक्रमण के कारण ही तालाब के अस्तित्व पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। अतिक्रमण के साथ इस तालाब में आसपास मुहल्ले की नालियों का गंदा पानी आकर गिरता है। इससे यह पूरी तरह प्रदूषित हो गया है। ऐसे में इस तालाब में जल संरक्षण के पूर्व नगर प्रशासन को कार्ययोजना तैयार कर काम करना होगा। स्थानीय मुहल्ले वासियों ने जिला प्रशासन से इस दिशा में सकारात्मक पहल की मांग की है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग : स्थानीय मंटू सिंह, शेखर मंडल, सुबोध कुमार, अशोक कुमार, त्रिपुरारी आदि का कहना है कि जिला गठन के कुछ दिन बाद तक यह तालाब निर्मल था और इस पानी का उपयोग स्थानीय लोग स्नान करने सहित अन्य कार्यों में किया करते थे। 90 के दशक तक तालाब की स्थिति बेहतर थी। लेकिन धीरे धीरे जब शहरीकरण के साथ साथ नए-नए मुहल्ले बनने लगे तो इस तालाब का अस्तित्व भी मिटने लगा। मुहल्ले की नालियों को इस तालाब में गिरा कर इसे कूड़ादान बना दिया गया। अभी स्थिति यह है कि यहां दुर्गंध से आसपास के लोग परेशान हैं। इसके जीर्णोद्धार के लिए नगर प्रशासन को स्थानीय लोगों ने कई बार आवेदन दिया लेकिन कोई पहल नहीं हुई।
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वर्जन : जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 13 -14 के बीच अवस्थित प्राचीन गंगटा तालाब अब पूरी तरह प्रदूषित हो गया है और अतिक्रमण का भी शिकार है। इसको लेकर कई बार नगर परिषद बोर्ड की बैठक में मामला उठाया गया है। साथ ही मुहल्ला वासियों की ओर से उपायुक्त सहित सांसद-विधायक को आवेदन सौंप कर इसके जीर्णोद्धार के लिए आवंटन की मांग की गई है। इस तालाब के जीर्णोद्धार की पहल होनी चाहिए ताकि आसपास के लोगों को जल संकट से मुक्ति मिल सके।
बेणु चौबे, उपाध्यक्ष, नगर परिषद, गोड्डा।