नई शिक्षा नीति से शिक्षण व्यवस्था में होगा आमूलचूल परिवर्तन : राजीव
गोड्डा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से पेश नई शिक्षा नीति को कैबिनेट की मं
गोड्डा : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से पेश नई शिक्षा नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर अब साफ हो गया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने का प्रावधान तक कर दिया गया है। सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है। इससे शिक्षण व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन होगा। उक्त बातें भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव मेहता ने गुरुवार को अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत एसएसआरए स्टेट स्कूल रेगुलेटरी अथॉरिटी बनेगी जिसके चीफ शिक्षा विभाग से जुड़े होंगे। चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड और दो वर्षीय बीएड के साथ साथ एक वर्षीय बीएड कोर्स चलेंगे। ईसीसीई के अंतर्गत प्री प्राइमरी शिक्षा में आंगनवाड़ी और स्कूलों के माध्यम से टीईटी लागू होगा। अब प्लस टू सेकेंडरी लेवल शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से हटाया जाएगा। चुनाव में बीएलओ की ड्यूटी से शिक्षकों को अलग किया जाएगा। साथ ही एमडीएम से भी शिक्षक हटेंगे। स्कूलों में एसएमसी, एसडीएमसी के साथ एससीएमसी यानी स्कूल कांपलेक्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाएगी। आरटीई को कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु तक लागू किया जाएगा। मिड डे मील में के साथ हेल्दी ब्रेकफास्ट भी स्कूलों में दिया जाएगा। थ्री लैंग्वेज बेस्ट स्कूली शिक्षकों की फॉरेन लैंग्वेज कोर्स भी स्कूलों में शुरू होंगे।
मौके पर जिला मंत्री कृष्ण कन्हैया, अनुसूचित जनजाति मोर्चा महामंत्री प्रबोध सोरेन, जिला मीडिया प्रभारी मुरारी चौबे ,सह प्रभारी प्रियांशु राज, युवा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पप्पू ठाकुर ,पूर्व 20 सूत्री अध्यक्ष प्रेम झा आदि थे।