मेहरामा में राजस्व कर्मी की मनमानी से लोग परेशान
संवाद सहयोगी मेहरमा अंचल कार्यालय में कार्यरत राजस्व कर्मचारी की मनमानी के कारण इन दिनों

संवाद सहयोगी, मेहरमा: अंचल कार्यालय में कार्यरत राजस्व कर्मचारी की मनमानी के कारण इन दिनों लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतर कर्मचारी नियमित कार्यालय भी नहीं आते हैं। इस कारण अंचल से संबंधित कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। खासकर छात्र-छात्राओं व अन्य को जाति, निवासी व आय प्रमाण पत्र बनवाने में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रमाणपत्र के लिए आनलाइन आवेदन जमा करने के बाद प्रमाण पत्र लेने में उन्हें महीनों से भी अधिक का समय लग जाता है। जबकि सेवा के अधिकार अधिनियम (राइट टू इनफार्मेशन एक्ट) के तहत 15 दिनों में कोई भी प्रमाण पत्र मिल जाने का प्रावधान है। लेकिन यहां ऐसा नहीं हो पा रहा है। बताया जाता है कि इन दिनों राज्य सरकार की ओर से कई प्रकार की नौकरी के लिए आनलाइन आवेदन लिया जा रहा है। इतना ही नहीं इन दिनों राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा नीट) के लिए काउंसलिग हो रही है। जिसमें में जाति, निवासी व आय प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है। समय पर प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण कई अभ्यर्थी नौकरी पाने से तो कई नीट के लिए काउंसलिग में शामिल होने से वंचित हो सकते हैं। अंचल कार्यालय में कुल छह राजस्व कर्मचारी कार्यरत हैं। राजस्व कर्मचारी चंदेश्वरी प्रसाद मेहरा को अंचल निरीक्षक का भी अतिरिक्त प्रभार है। अधिकतर कर्मचारी मुख्यालय से बाहर रहते हैं। समय पर वे लोग जांच प्रतिवेदन अग्रसारित भी नहीं करते हैं। कई बार तो आवेदकों के आवेदन पर सिर्फ इनवैलिड लिख कर वापस कर दिया जाता है। लोगों का कहना है कि यदि कोई दस्तावेज की कमी या अधूरा है तो उस पर स्पष्ट लिखना चाहिए। किस दस्तावेज की कमी के कारण प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है। सीधे इनवैलिड लिखकर वापस कर दिया जाता है। समस्या के समाधान के लिए अभ्यर्थियों द्वारा मुलाकात कर का प्रयास किया जाता है तो मुलाकात भी नहीं हो पाती है। फोन पर संपर्क करने पर लोगों को उनकी झिड़की भी सुननी पड़ती है। ऐसे में लोगों की परेशानी और बढ़ जाती है। लोगों ने जिला प्रशासन से इस संबंध में आवश्यक पहल की मांग की है।
-----------------------------------------
अंचल के राजस्व कर्मचारी के बारे में काफी शिकायतें मिल रही है। राजस्व कर्मचारियों के खिलाफ प्रत्येक दिन दर्जनों फोन भी आते हैं। कर्मचारियों का वेतन रोका गया है। इसके बावजूद भी इनकी कार्यशैली में सुधार नहीं हुई तो प्रपत्र-क भरा जाएगा।
सुनील कुमार, अंचलाधिकारी, मेहरमा।
Edited By Jagran