बसडीहा गांव में श्मशान की जमीन पर खनन कार्य का विरोध
ललमटिया बसडीहा गांव के हिदू भू-दाताओं के श्मशान की जमीन पर खनन कार्य को ग्रामीणों ने
ललमटिया : बसडीहा गांव के हिदू भू-दाताओं के श्मशान की जमीन पर खनन कार्य को ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है। शनिवार को ग्रामीणों ने ईसीएल की मशीन को रोक दिया। ग्रामीणों ने बताया कि बसडीहा गांव के पूर्वी छोर पर मुख्य सड़क के उत्तरी किनारे श्मशान की जमीन पर खनन कार्य शुरू किया गया था। इसकी भनक ग्रामीणों को जब लगी तो लोगों ने मशीन को रोक दिया। ग्रामीणों ने कहा कि ईसीएल प्रबंधन हिदू समुदाय के साथ अन्याय कर रहा है। आस्था पर कुठाराघात किया जा रहा है। बगल में ही अल्पसंख्यक समुदाय का भी कब्रिस्तान है। अल्पसंख्यक समुदाय के कब्रिस्तान में भी खनन कार्य करने के लिए ईसीएल प्रबंधन ने अल्पसंख्यक समुदाय के ग्रामीणों से बैठक की थी जिसमें समुदाय के सभी लोगों ने एक स्वर में कहा था कि अंतिम घर के विस्थापन के बाद ही अल्पसंख्यक समुदाय के कब्रिस्तान पर खनन कार्य करने दिया जाएगा।
मजबूरन ईसीएल प्रबंधन ने मुस्लिम समुदाय के कब्रिस्तान के बगल से बायपास सड़क निकालकर मुख्य सड़क में मिलाया ताकि हिदू समुदाय के श्मशान को काटकर खनन कार्य शुरू किया जा सके। खनन कार्य रोकने के लिए गांव की ही सुमित्रा देवी ने दो सप्ताह पूर्व उपायुक्त को आवेदन दिया था। साथ ही राजमहल परियोजना के आला अधिकारियों को भी खबरदार किया गया था। प्रबंधन ग्रामीणों को विस्थापित करने से पहले श्मशान को काटना चाह रहा है, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पूरा गांव का किसी सुरक्षित जगह पर पुनर्वास नहीं होता है तब तक श्मशान की जमीन पर खनन कार्य नहीं होने दिया जाएगा। बहरहाल देर शाम तक ईसीएल की ओर से कोई अधिकारी ग्रामीणों के साथ वार्ता के लिए नहीं आए हैं।