ओबीसी समुदाय को आबादी के अनुसार मिले लाभ : राजेश
ओबीसी समुदाय के अधिकार पर डाका डाला जा रहा है। राज्य में पिछड़ी जाति की आबादी 52 फीसद है लेकिन इस अनुरूप लाभ नहीं मिल रहा है। केंद्रीय बजट में आबादी के अनुसार 52 फीसद बजटीय प्रावधान
जागरण संवाददाता, गोड्डा : ओबीसी समुदाय के अधिकार पर डाका डाला जा रहा है। राज्य में पिछड़ी जाति की आबादी 52 फीसद है लेकिन इस अनुरूप लाभ नहीं मिल रहा है। केंद्रीय बजट में आबादी के अनुसार 52 फीसद बजटीय प्रावधान ओबीसी के लिए किया जाना चाहिए था लेकिन वर्तमान में एक प्रतिशत बजट भी इस वर्ग के लिए नहीं दिया जा रहा है। इसी तरह आरक्षण में भी कटौती कर दी गई है। यह हकमारी अब ओबीसी समुदाय बर्दाश्त नहीं करेगा। यह बातें राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कही। स्थानीय नगर भवन में जिलाध्यक्ष राजकुमार भगत की अध्यक्षता में ओबीसी की कार्यशाला आयोजित की गई । इसमें जातीय जनगणना नीति में बदलाव की मांग की गई।
प्रदेश अध्यक्ष ने सेमिनार में कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वर्षों से लंबित देश में जातीय आधारित जनगणना कराने के लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा है। जातीय आधारित जनगणना नहीं होने से ओबीसी समुदाय के अधिकार डाका डाला जा रहा है। जातीय जनगणना कराने हेतु महाराष्ट्र, बिहार आदि राज्यों की विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा जा चुका है। कार्यक्रम का संचालन पूर्व पार्षद संजीव गुप्ता ने किया। संगठन के महासचिव केदारनाथ साह ने बताया कि संगठन की मजबूती के लिए जन संपर्क अभियान चलाना होगा। मौके पर विशिष्ठ अतिथियों में शिक्षाविद् प्रेम नंदन मंडल, जिला परिषद सदस्य घनश्याम यादव ,नगर परिषद अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार मंडल, चुनचुन यादव, मनोज कुशवाहा, राम लखन यादव, पार्षद प्रीतम गाडिया आदि सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
नहीं पहुंचे मंत्री : राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा की कार्यशाला में मुख्य वक्ता के तौर पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता थे लेकिन सुबह से देर शाम तक जिले भर में अन्य कार्यक्रमों में व्यस्तता के कारण मंत्री कार्यक्रम स्थल पर निर्धारित समय पर नहीं पहुंचे। मंच की ओर से बार बार मंत्री के आने की सूचना भी दी जा रही थी।