Move to Jagran APP

डीएमएफटी मद से बने जलमीनारों का बुरा हाल

जागरण संवाददाता गोड्डा जिले की करीब 592 गांवों में डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 06:22 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 06:22 PM (IST)
डीएमएफटी मद से बने जलमीनारों का बुरा हाल
डीएमएफटी मद से बने जलमीनारों का बुरा हाल

जागरण संवाददाता, गोड्डा : जिले की करीब 592 गांवों में डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) मद से 25 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से वित्तीय वर्ष 20-21 के दौरान सोलर जलमीनार बनकर तैयार हुई थी। इसमें ठेकेदार को तीन साल तक रखरखाव की भी जिम्मेवारी दी गई है। स्वीकृत 592 जलमीनारों में से 30 जलमीनार तो अस्तित्व में ही नहीं आई। मौजूदा समय में कोई 560 जलमीनार तैयार हो पाई है लेकिन अधिकांश जलमीनारों की स्थिति बीते छह माह से भी अधिक समय से बदतर है। किसी में बोरिग फेल है तो कहीं मोटर जल गया है तो कई पाइपलाइन में लिकेज के कारण टंकी में पानी नहीं चढ़ता है तो कहीं सोलर प्लेट सहित मोटर आदि की चोरी हो गई है। इस कारण अधिकांश जलमीनारों से लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिले के पथरगामा, सदर प्रखंड गोड्डा और बसंतराय प्रखंड में सर्वाधिक शिकायतें हैं। ग्रामीण पेयजल के लिए दर दर भटक रहे हैं। जिले में कुछेक ऐसे उदाहरण भी हैं कि काम पूरा करने के बाद ठेकेदार की मौत हो गई है। अब रखरखाव के लिए कोई नहीं है। प्रत्येक जलमीनार की लागत सवा चार लाख रुपये है। अब हर घर नल योजना के तहत पाइप लाइन कनेक्शन भी दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बसंतराय प्रखंड में जलमीनार लगाने वाले ठेकेदार हरि प्रसाद साह की मौत हो गई। इसके बाद वहां की 14 पंचायतों में बनी जलमीनारों का रखरखाव भगवान भरोसे हो गया। बोर्ड में दिए गए नंबर से नहीं होती बात : पथरगामा प्रखंड की चिलरा पंचायत के चीनाकोठी, दुर्गापुर आदि गांव के लाभुकों का कहना है कि बीते पांच-छह माह से जलमीनार बंद है। ग्रामीण दूर दराज से पीने योग्य पानी लाते हैं। काफी मुसीबत है। बोर्ड पर ठेकेदार का मोबाइल नंबर भी अंकित है लेकिन ग्रामीण कभी उस नंबर पर बात कर अपनी शिकायत नहीं बता पाए हैं। दुर्गापुर टोला के चंदन कुमार भगत, चीनाकोठी के गणेश सिंह, अमित कुमार मिर्धा, मंत्री हेम्ब्रम आदि का कहना है कि जलमीनार में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है, जिस कारण बनने के साथ ही यह खराब हो गई। बीते छह माह से ग्रामीण पानी के लिए भटक रहे हैं। विभागीय अधिकारी तो कभी झांकने तक नहीं जाते। जिले के अन्य प्रखंडों की स्थिति भी दयनीय है। ------------------------------------------------------

loksabha election banner

डीएमएफटी मद से बनाई गई जलमीनारों को लेकर जिला परिषद में भी शिकायतें मिली है। इसकी जांच के लिए जिला परिषद बोर्ड की बैठक में जांच कमेटी का गठन किया जाएगा। साथ ही कमेटी की जांच रिपोर्ट पर प्रशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। - निरंजन पोद्दार, अध्यक्ष, कार्यकारी कमेटी जिला परिषद गोड्डा।

---------------------------------------------

बंद जलमीनारों को चालू करने के लिए विभागीय अधिकारियों को प्रखंड वार जबावदेही सौंपी गई है। मौजूदा समय पर घर- घर नल योजना के तहत काम चल रहा है। जलमीनारों के रखरखाव के लिए संबंधित ठेकेदारों पर भी जबावदेही तय की गई है। सभी प्रखंडों में इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

- रामेश्वर गुप्ता, कार्यपालक अभियंता, पेजजल व स्वच्छता प्रमंडल गोड्डा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.