प्रशासन ने रुकवाई नाबालिग की शादी
सरकारी महकमे चाहे जितने भी दावे भरले परंतु आधुनिकता के इस दौर में प्रखंड क्षेत्र में आज भी नाबालिग लड़के लड़की की शादी बदस्तूर जारी है।शनिवार को सदर प्रखंड से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित आदिवासी बहुल गांव कोहवारा में ताला बाबू मरांडी की 10 वर्षीय पुत्री सुशीला मरांडी की शादी हरियारी निवासी देवी बेसरा के बेटे सुखलाल बेसरा के साथ होने वाली थी। जैसा कि आदिवासी समाज में होता है उसी प्रकार आए बारात को स्कूल में ठहराया गया था जहां भोज भात चल रहा था। गांव में नाच गाने का भी आयोजन चल रहा था।
पथरगामा : प्रखंड से महज दो किमी की दूरी पर स्थित आदिवासी बहुल गांव कोहवारा में ताला बाबू मरांडी की पुत्री की शादी हरियारी निवासी देवी बेसरा के बेटे सुखलाल बेसरा के साथ होने वाली थी। जैसा कि आदिवासी समाज में प्रचलन है, उसी निमित बारात को स्कूल में ठहराया गया था जहां भोज चल रहा था। गांव में नाच गाने का उत्सवी माहौल था लेकिन यह तब फीका पड़ गया जब प्रशासन ने इस बाल विवाह को गैरकानूनी बताते हुए शादी पर रोक लगा दी। शनिवार की शाम की उक्त घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रखंड विकास पदाधिकारी रूद्र प्रताप ने पथरगामा थाना के अवर निरीक्षक तपन कुमार पानीग्रही और थाना पुलिस को लेकर विवाह स्थल पर आ धमके और शादी पर रोक लगा दी। पुलिस को देखते ही बराती भाग खड़े हुए और जो नहीं भाग पाए उसे पुलिस ने वापस भेज दिया। जबकि थाना पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पुलिस को आते देख लड़की का पिता लड़की को कहीं छिपाकर फरार हो गया।