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प्रशिक्षित लाभार्थियों को मुद्रा लोन से मिलेगी वित्तीय सहायता

गोड्डा गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत प्रवासी श्रमिकों के जीविकोपार्जन हेतु दक्षता वि

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 07:16 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 07:16 PM (IST)
प्रशिक्षित लाभार्थियों को मुद्रा लोन से मिलेगी वित्तीय सहायता
प्रशिक्षित लाभार्थियों को मुद्रा लोन से मिलेगी वित्तीय सहायता

गोड्डा : गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत प्रवासी श्रमिकों के जीविकोपार्जन हेतु दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत फलों एवं सब्जियों के प्रसंस्करण और मूल्य संव‌र्द्धन को लेकर आयोजित प्रशिक्षण शिविर का समापन बुधवार को हुआ। कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण के समापन पर 35 प्रवासी श्रमिकों केवीके की ओर से प्रमाण पत्र दिया गया।

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कार्यक्रम में प्रवासी श्रमिकों को संबोधित करते हुए कृषि वैज्ञानिक डॉ. रविशंकर ने कहा कि फल एवं सब्जियां मानव आहार का एक महत्वपूर्ण घटक है। फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण में कुटीर उद्योग खड़ा करके आय वृद्धि का अच्छा विकल्प है। फल एवं सब्जियां मौसमी होती हैं और किसी खास मौसम में इनकी प्रचुर मात्रा उपलब्ध होती है। अत: फलों एवं सब्जियों के प्रसंस्करण द्वारा मूल्य संव‌र्द्धन सहित इनकी भंडारण क्षमता को बढ़ाकर उपयोगी उत्पाद के रूप में आमदनी एवं स्वरोजगार के अवसर को बढ़ाया जा सकता है। प्रशिक्षित प्रवासी मजदूरों को इसके लिए मुद्रा लोन से आसान तरीके से वित्तीय सहायता भी बैंकों से दिया जाएगा। गृह वैज्ञानिक डॉ प्रगतिका मिश्रा ने प्रवासी श्रमिकों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान फलों एवं सब्जियों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संव‌र्द्धन करके अमरूद का जैम, जेली, गाजर, मूली का अचार, टमाटर की मीठी चटनी, फलरस, मूंगफली की चिक्की, जामुन का शर्बत, बरबट्टी, कलाई की बरी सहित मशरूम का अचार आदि तैयार करने की विधि की विस्तृत जानकारी दी। कहा कि ओल का मूल्य संव‌र्द्धन करके अचार, बर्फी, भुजिया, लड्डू, हलवा, रसगुल्ला बनाकर बाजार में आसानी से बेचकर जीवन यापन किया जा सकता है। नींबू का वैज्ञानिक विधि से अचार तैयार करने का प्रदर्शन भी किया गया। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ रितेश दुबे ने वेस्ट डीकंपोजर के घोल से जैविक खाद तैयार करने की विस्तृत जानकारी दी। प्रवासी श्रमिक दीप्ती कुमारी, सुनीता कुमारी, सरिता देवी एवं पुरुषोत्तम मंडल ने प्रशिक्षण से संबंधित अनुभव साझा किए। प्रशिक्षण के अन्त में सभी प्रवासी श्रमिकों को प्रमाण पत्र एवं सहजन का पौधा, वेस्ट डीकंपोजर की शीशी वितरित की गई। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ रितेश दुबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मौके पर डॉ. सतीश कुमार, डॉ सूर्यभूषण, डॉ हेमंत कुमार चौरसिया, डॉ. अमितेश कुमार सिंह, रजनीश प्रसाद राजेश, राकेश रोशन कुमार सिंह, वसीम अकरम मौजूद रहे। रेखा देवी, जमनी देवी, किरन देवी, खातून, सकीना खातून, हफिजुद्दीन, युसुफ, जब्बार अंसारी समेत सभी प्रवासी श्रमिक सम्मिलित हुए।


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