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चितरकोठी गांव के पास एमजीआर लाइन दे रही दुर्घटना को आमंत्रण

संवाद सहयोगी ललमटिया ललमटिया के चितरकोठी गांव के बाहर एमजीआर रेलवे क्रॉसिग दुर्घट

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 06:54 PM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 06:54 PM (IST)
चितरकोठी गांव के पास एमजीआर लाइन दे रही दुर्घटना को आमंत्रण
चितरकोठी गांव के पास एमजीआर लाइन दे रही दुर्घटना को आमंत्रण

संवाद सहयोगी ,ललमटिया : ललमटिया के चितरकोठी गांव के बाहर एमजीआर रेलवे क्रॉसिग दुर्घटना को आमंत्रण दे रही है। एनटीपीसी के पदाधिकारी इस मामले में मौन साधे हुए हैं ।चितरकोठी गांव के बाहर रेलवे क्रॉसिग पर एनटीपीसी फरक्का की ओर से रेलवे फाटक नहीं लगाए जाने से यह रेलवे क्रॉसिग दुर्घटना को दावत दे रही है। चितरकोठी गांव के बाहर से राजमहल परियोजना के सैलो लोडिग प्वाइंट से फरक्का तक कोयला परिवहन के लिए एमजीआर रेलवे लाइन लगभग चार दशक पूर्व बनाई गई है। इतने लंबे समय बीत जाने के बाद भी चितरकोठी रेलवे क्रॉसिग पर अब तक कोई रेल फाटक सुरक्षा की ²ष्टिकोण से नहीं बनाया गया है जिससे यह रेल क्रॉसिग बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण दे रही है। इस रेलवे क्रासिग पर फाटक ना होने से विगत के वर्षों में कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी है ,इसके बावजूद भी एनटीपीसी की ओर से चितरकोठी रेलवे क्रॉसिग के पास रेलवे फाटक बनाने में लापरवाही बरती जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि ईसीएल और एनटीपीसी को सिर्फ कोयला ढुलाई से मतलब है। नागरिकों की सुरक्षा की चिता नहीं है। चितरकोठी रेलवे क्रॉसिग पर विभाग की ओर से पूर्व में ही रेल फाटक बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। कई बार अधिकारियों ने इसका सर्वे भी किया है। रेल फाटक नहीं रहने से यहां आए दिन जान माल की क्षति होती है। एमजीआर लाइन पर कई बार मवेशी भी दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। ग्रामीणों ने एनटीपीसी फरक्का के आला अधिकारियों से चितरकोठी रेलवे क्रॉसिग पर रेल फाटक लगवाने की मांग की है।

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