शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीबों के लिए निश्शुल्क शिक्षा की व्यवस्था
शिक्षा काअधिकार के तहत निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीबों के लिए निश्शुल्क शिक्षा की व्यवस्था
संवाद सहयोगी,गोड्डा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह पीडीजे देवेन्द्र कुमार पाठक के मार्गदर्शन में शनिवार को स्थानीय बाल विकास विद्यालय में कानूनी जागरूकता कक्षा का आयोजन किया गया। पैनल अधिवक्ता व शिक्षाविदों ने छात्र-छात्राओं को कानून का पाठ पढ़ाया। पैनल अधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि शिक्षा ही मनुष्य को महान बनाती है। शिक्षा का अधिकार को कानूनी दर्जा मिला है। इसके तहत 14 आयु वर्ग के बालक-बालिकाओं के लिए निश्शुल्क शिक्षा की व्यवस्था है। जगह-जगह सरकारी स्कूल में मध्याह्न भोजन से लेकर पोशाक, पुस्तक एवं छात्रवृत्ति तक की व्यवस्था दी गई है। इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों में भी गरीब छात्र-छात्राओं के लिए 25 प्रतिशत सीट आरक्षित हैं। इसके लिए निश्शुल्क शिक्षा का प्रावधान है। कहा कि बालक- बालिकाओं के लिए शिक्षा अति आवश्यक है। 14 आयु वर्ग के बच्चों को मजदूरी कराना व बाल विवाह करना कानूनन अपराध है। इसके लिए कानून में दंड का प्रावधान है। बच्चों को कोयला चुनने, रेलवे स्टेशन पर सामाज को ढोना, बूचड़खाने में काम करने, गैरेज में काम करने, हस्तकरघा व पावर लूम में, दरी बनाने में, ऊन बनाने में, चमड़ा बनाने के उद्योग में काम करने पर पावंदी है। पकड़ने जाने पर संस्थान के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। बाल विकास विद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव डा. कयूम अंसारी ने कहा कि शिक्षा बच्चों काे शिक्षित करने के साथ- साथ चरित्र निर्माण भी सीखाता है। अपने अधिकार व कर्तव्यों के प्रति जवाबदेह बनने से ही सफल नागरिक बन सकते हैं। इसके अलावा प्रबंधन समिति सदस्य विंदेश्वरी साह आदि ने भी विचार व्यक्त किये।