कोयला खदानों में शत प्रतिशत एफडीआइ शुरू
तमाम श्रम संगठनों के विरोध के बावजूद कोयला खदानों में 100त्न एफडीआई के साथ-साथ कोयले की नीलामी प्रक्रिया आगामी 1
ललमटिया : तमाम श्रम संगठनों के विरोध के बावजूद कोयला खदानों में 100 फीसद एफडीआइ के साथ-साथ कोयले की नीलामी प्रक्रिया आगामी 18 जून से प्रारंभ होने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस संबंध में कोयला को खोल देना आत्मनिर्भर भारत के लिए नई उम्मीदें शीर्षक से नीलामी प्रक्रिया प्रधानमंत्री की वर्चुअल रैली के माध्यम से शुरू की जाएगी। वर्ष 2023-24 में कोल इंडिया के अतिरिक्त एक बिलियन टन कोयला उत्पादन की संभावना को पूरा करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। इससे देश के तमाम ताप विद्युत परियोजना को घरेलू कोयले की आवश्यकता पूरी की जा सकेगी।
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भारतीय मजदूर संघ इसके विरूद्ध आगे भी लड़ाई लड़ेगी ::
इस प्रकरण में भारतीय मजदूर संघ के मजदूर नेता एवं जेबीसीसीआइ के सदस्य बीके राय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वर्ष 2015 में जब इस कानून को पास किया गया था तत्कालीन कोयला मंत्री पीयूष गोयल से वार्ता में यह तय हुआ था कि मजदूरों के शोषण को रोकने के लिए वेतन सामाजिक सुरक्षा आदि तमाम विषयों पर मजदूर यूनियनों से विस्तृत वार्ता के बाद ही इसे लागू किया जाएगा। सरकार ने ऐसा कुछ भी न करते हुए आगे की कदम उठा रही है इसलिए भारतीय मजदूर संघ इसकी लड़ाई आगे भी लड़ता रहेगा।
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एफडीआइ के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा :
सीटू के वरीय नेता डॉ. राधेश्याम चौधरी ने कहा है कि केंद्र सरकार कोयला उद्योग को निजीकरण की राह पर ले जाना चाहती है। देश की सभी ट्रेड यूनियन इसके खिलाफ है। संयुक्त ट्रेड यूनियन की ओर से बीते 10 ओर 11 जून को देश भर में विरोध प्रदर्शन भी हुआ है। कहा कि एफडीआई के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। सरकार मजदूर विरोधी नीतियों को लागू कर देश की अर्थ व्यवस्था को नेस्तनाबूद करने को आमादा है। इसका डट कर विरोध किया जाएगा।