जिला निरीक्षण समिति ने किया बालगृह का निरीक्षण
जिला निरीक्षण समिति ने मेहरमा प्रखंड स्थित मिशनरीज ऑ़फ चैरिटी की ओर से सौरिचकला गांव में संचालित बालगृह का सोमवार को
जासं, गोड्डा : जिला निरीक्षण समिति ने मेहरमा प्रखंड स्थित मिशनरीज ऑ़फ चैरिटी की ओर से सौरिचकला गांव में संचालित बालगृह का सोमवार को औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण दल में बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा कल्पना कुमारी झा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजकुमार शील, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रितेश कुमार, संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्र आदि शामिल थे।
निरीक्षण दल ने बालगृह पहुंच कर बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। निरीक्षण दल में शामिल चिकित्सा पदाधिकारी ने सभी बच्चों के स्वास्थ्य का जायजा लिया। कोविड19 के मद्देनजर न्यायपालिका, सरकार, विभाग, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा जारी विभिन्न एडवाइजरी एवं निर्देशों के अनुपालन का जायजा लिया गया। साथ ही भोजन, आवासन, पोषण आहार, चिकित्सीय एवं अन्य सुविधाओं का भी जायजा लिया। मास्क, हैण्डवाश, सैनिटाइजर आदि की उपलब्धता की भी जांच की गई। साथ ही संस्था की विभिन्न पंजी मसलन बाल पंजी, स्टाफ पंजी, उपस्थिति पंजी, आगंतुक पंजी, केस फाइल, आगत निर्गत पंजी आदि की बारीकी से जांच की गई। समिति के सुझाव पर संस्था में बच्चों के सुरक्षा एवं आंगतुकों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं।
निरीक्षण दल ने मौके पर उपस्थित संस्था की सीनियर सिस्टर फ्लोरेंस एवं शिशु भवन प्रभारी सिस्टर एल्मा को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी बाहरी लोगों को बच्चों के संपर्क में आने नहीं दिया जाएगा। संस्था के सभी स्टाफ मास्क, सैनिटाइजर, हैण्ड वाश आदि का नियमित उपयोग करेंगे एवं पर्याप्त मात्रा में स्टॉक संधारण करेंगे।
बालगृह के सभी स्टाफ एवं बच्चों की कोरोना जांच की गई। संस्था के प्रभारी को नियमित रूप से प्रत्येक मास के एक निश्चित तिथि को शिशुओं का वजन माप कर, रिकॉर्ड संधारण करने का निदेश दिया गया है। साथ ही संस्था में नए प्रवेश किए बच्चे को अलग आइसोलेशन वार्ड में 14 दिनों तक रखा जाना है एवं उसकी नियमित हेल्थ मॉनिटरिग की जाएगी।
सरकार की सभी एजेंसियां बच्चों की देखरेख और संरक्षण को लेकर बहुत ही गंभीर हैं। किसी भी बाल देखभाल संस्था का संचालन किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं किशोर न्याय नियम 2017 में उल्लेखित प्राविधानों के अनुकूल अनिवार्य रूप से किया जाना है।