राजमहल परियोजन पहुंची आइएसएम धनबाद की टीम
संवाद सहयोगी ललमटिया राजमहल परियोजना के प्रभावित क्षेत्रों में सीएसआर द्वारा किए गए कार्यों का अवलोकन करने के लिए आईआईटी आईएसएम धनबाद से 4 सदस्ययी टीम असिस्टेंट प्रोफेसर हिमांशु गुप्ता शशांक बंसल वरुण बंसल राजमहल परियोजना के धनबाद आईआईटी आईएसएम के असिस्टेंट प्रोफेसर हिमांशु गुप्ता शशांक बंसल वरुण बंसल राजमहल परियोजना के अधिकारी शादाब अंजुम शादाब अंजुम स्थानीय सिदो-कान्हू सरस्वती विद्या मंदिर मंदिर ललमटिया पहुंची जहां पर बने विद्यालय भवन के गुणवत्ता एवं कार्य होने से उसके सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव के बारे में विद्यालय प्रधान संतोष तिवारी सहित कई शिक्षकों से जानकारी लिए। जवाब में विद्यालय प्रधान संतोष तिवारी ने बताया कि
संवाद सहयोगी, ललमटिया : राजमहल परियोजना के प्रभावित क्षेत्रों में सीएसआर कार्यों का अवलोकन करने के लिए आइआइटी आईएसएम धनबाद से 4 सदस्यीय टीम असिस्टेंट प्रोफेसर हिमांशु गुप्ता, शशांक बंसल, वरुण बंसल, राजमहल परियोजना के अधिकारी शादाब अंजुम ने स्थानीय सिदो-कान्हु सरस्वती विद्या मंदिर ललमटिया में बने विद्यालय भवन की गुणवत्ता जांची। सीएसआर कार्य होने से उसके सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव के बारे में विद्यालय प्रधान संतोष तिवारी सहित कई शिक्षकों से जानकारी ली गई। विद्यालय प्रधान संतोष तिवारी ने बताया कि विद्यालय में सीएसआर निधि से कार्य होने से अच्छा प्रभाव पड़ा है। कमरे की जो कमी थी। फिलहाल कुछ राहत मिली है। विद्यालय में वंदना कक्ष का अभाव है।
इसके बाद जांच टीम परियोजना प्रभावित गांव छोटा सिमरा पहुंचे। जहां सीएसआर द्वारा लगाए गए मोबाइल कैंप के बारे में ग्रामीणों एवं डॉक्टर टी प्रसाद से जानकारी लिए। ग्रामीणों ने बताया कि सीएसआर द्वारा लगाए गए मोबाइल कैंप से लोगों को निशुल्क स्वास्थ्य जांच एवं औषधि प्रदान की जाती है। जिससे क्षेत्र के गरीब लोगों को राहत मिलता है ।
अंत में जांच टीम गंगासागर समुद्रा बांध पर पहुंचे जहां सीएसआर द्वारा 8 माह पूर्व जीर्णोद्धार का कार्य किया गया था। इस बांध के जीर्णोद्धार के संबंध में टीम के द्वारा कई ग्रामीणों से पूछताछ किया गया कि आखिरकार बांध का जीर्णोद्धार करने से ग्रामीणों को इसका लाभ मिला या नहीं। इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि बांध का जीर्णोद्धार होने से क्षेत्र के लोगों को रवि फसल उपजाने में काफी सुविधा हो रही है। गर्मी के दिनों में पहले जल स्तर काफी नीचे चला जाता था। बांध में जल संचित रहने के कारण आसपास के गांव में गर्मी में भी जल स्तर अच्छा है। ग्रामीणों द्वारा राजमहल परियोजना के सीएसआर मद से किए गए कार्यों का सकारात्मक प्रभाव बतलाया गया।