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करोड़ों रुपये खर्च, नहीं आया एक बूंद गंगाजल

मेहरमा : करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी बटेश्वर गंगा पंप नहर योजना से एक बूंद पानी अब

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 07:40 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 07:40 PM (IST)
करोड़ों रुपये खर्च, नहीं आया एक बूंद गंगाजल
करोड़ों रुपये खर्च, नहीं आया एक बूंद गंगाजल

मेहरमा : करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी बटेश्वर गंगा पंप नहर योजना से एक बूंद पानी अब तक लोगों को नहीं मिला। अब तो योजना का काम भी बंद हो चुका है। यह योजना कब पूरी होगी यह बतानेवाला कोई नहीं है। मेहरमा व ठाकुरगंगटी प्रखंड के किसानों को ¨सचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 1980 में एकीकृत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद ने इसकी आधारशिला रखी थी। इसके तहत कलहगांव से गंगा नदी से कैनाल बनाकर पानी लाना था। यह कैनाल मेहरमा व ठाकुरगंगटी होते हुए पुन: गंगा में मिल जाता। 1981 में किसानों को जमीन का मुआवजा भी मिल गया। इसके बाद जहां- तहां खुदाई का काम शुरू हुआ लेकिन बाद में बंद हो गया। 2012 में स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे की पहल पर पुन: काम शुरू हुआ। वित्तीय वर्ष 2012-13 में हरदेव कंस्ट्रक्शन ने करीब 29 किलोमीटर लंबी बटेश्वर गंगा पंप नहर की खुदाई करीब 48 करोड़ रुपये की लागत से प्रारंभ की। वैसे यह योजना कुल 92 करोड़ की है। बताया जाता है कि अलग से इसमें करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से 24 ब्रिज भी बनना है जो कई जगह आधा अधूरा पड़ा है। मेहरमा-पिरो•ापुर मुख्य मार्ग में शंकरपुर, डोय-बलबड्डा मुख्य मार्ग में बहिरा व पिरोजपुर- भगैया मुख्य मार्ग में घमड़ी के निकट ब्रिज को आधा अधूरा बना कर छोड़ दिया गया है। धमड़ी के समीप तो डायवर्सन भी नहीं बनाया गया है। इस कारण यहां आवागमन में वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं नहर का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से किसानों को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल पा रहा है। लोगों का कहना है कि यह योजना ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई थी। योजना से साढ़े चार हजार एकड़ भूमि की ¨सचाई का लक्ष्य था लेकिन साढ़े चार एक भूमि भी ¨सचित नहीं हुई। बताया जाता है कि योजना के तहत केवल कैनाल बनना था। खेतों तक पानी पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं है। अगर भविष्य में कैनाल में पानी आ भी जाता है तो ¨सचाई के लिए मोटर या दमकल का प्रयोग करना पड़ेगा। बताया जाता है कि यह वहीं हरदेव कंस्ट्रक्शन कंपनी है जिसने हरना वीयर का निर्माण कराया। कंपनी हंसडीहा-गोड्डा रेल लाइन का भी काम करा रही है।

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क्या कहते हैं क्षेत्र के लोग

बटेश्वर गंगा पंप नहर योजना के आसपास की जमीन उपजाऊ रहने के बावजूद ¨सचाई के अभाव में बंजर हो रही है। जमीन रहते हुए किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें पलायन करना पड़ रहा है। कुछ किसान ¨सचाई की व्यवस्था कर साल में किसी तरह एक फसल को तैयार कर पाते हैं। नहर की खुदाई हो जाने से इसके आसपास सालों भर कई तरह की खेती कर सकेंगे। सालोंभर कई तरह की फसल लहलहाएगी।

आलोक पासवान, गो¨वदपुर

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सांसद निशिकांत दुबे ने एकीकृत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के सपनों को साकार करने की दिशा में प्रयास किया। परंतु इसमें बहुत हद तक सफलता नहीं मिल रही है। यदि बटेश्वर गंगा पंप नहर योजना का कार्य पूरा हो जाता है तो इस क्षेत्र के किसानों को मानसून पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा। उन्हें ¨सचाई सुविधा का समुचित लाभ मिलेगा। उनकी आय दोगुनी हो जाएगी।प्रेमशंकर मिश्रा, कसबा

फोटो सात

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बटेश्वर गंगा पंप नहर की खुदाई तथा ब्रिज आधा अधूरा रहने के कारण आवागमन बाधित हो रहा है। नहर के आसपास के किसानों को खेती करने में परेशानी होती है। इसकी खुदाई हो जाने व ब्रिज के बन जाने से आवागमन में तो सुविधा होगी ही किसानों को मानसून पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। सालोंभर सभी प्रकार की फसल होगी। जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक उदासीनता के कारण किसानों की दुर्गति हो रही है।

मनोहर राम, शंकरपुर

फोटो आठ

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लंबे अंतराल के बाद भी बटेश्वर गंगा पंप नहर योजना चालू नहीं की जा सकी है जो दुभाग्यपूर्ण है। जनप्रतिनिधियों द्वारा भी इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि जनप्रतिनिधियों को किसानों की समस्या से कोई लेना देना नहीं है। बटेश्वर गंगा पंप नहर योजना के बनकर तैयार हो जाने से हजारों किसानों को ¨सचाई सुविधा का लाभ मिलेगा। अविलंब सरकार बटेश्वर गंगा पंप नहर योजना को चालू कराए।

विजय तांती, बलबड्डा

फोटो 9

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बटेश्वर पंप नहर योजना में सांसद व विधायक का वर्जन

बटेश्वर पंप नहर योजना दिसंबर 2019 में पूरी होनी है। निर्धारित समय पर वह पूरी हो जाएगी।

डॉ. निशिकांत दुबे, सांसद गोड्डा

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यह योजना जल्दीबाजी में बनाई गई। इसलिए बहुत उपयोगी नहीं है। हालांकि, अभी इसका काम चल रहा है। इसकी डिजाइ¨नग के संबंध में विधानसभा में मामला उठाया गया था। खेतों में पानी रुकने की वजह से पिछले वर्ष सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई थी। जिस रफ्तार से काम चल रहा है वह कब पूरा होगा कुछ कहा नहीं जा सकता। 1980 से ही काम चल रहा है। विभाग इस मामले में काफी लापरवाह है।

अशोक कुमार, विधायक, महागामा

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हरदेव कंस्ट्रक्शन को 2012 में जो कार्य दिया गया था वह पूरा हो गया है। मुख्य कैनाल का कार्य 2019 तक पूरा हो जाएगा। हालांकि डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का कार्य 2022 तक पूरा हो पाएगा। लंबित कार्यों के लिए टेंडर शीघ्र होगा।

नरेश प्रसाद मंडल, कार्यपालक अभियंता, ¨सचाई विभाग महागामा


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