बाढ़ से सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद, मुआवजा की मांग
बीते मंगलवार से शुक्रवार तक लगातार प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बने रहने के कारण सैकड़ों एकड़ जमीन में लगी धान की फसल क्षतिग्रस्त हो गई है। बीते 6 दिनों से लगातार हो रही वर्षा से किसान मजदूर काफी परेशान हैं। साथ
संवाद सहयोगी, ठाकुरगंगटी : बीते मंगलवार से शुक्रवार तक लगातार प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बने रहने के कारण सैकड़ों एकड़ जमीन में लगी धान की फसल क्षतिग्रस्त हो गई है। बीते 6 दिनों से लगातार हो रही वर्षा से किसान मजदूर काफी परेशान हैं। साथ ही साथ मवेशियों को भी काफी परेशानी हो रही है। सैकड़ों मजदूर किसान दिन -रात दो समय सही ढंग से भोजन नहीं कर पा रहे हैं। वहीं सैकड़ों पशुओं को भी चारा नहीं मिल पाया है। लगातार चार दिनों तक बाढ़ का प्रकोप रहने से प्रखंड क्षेत्र की लगभग सभी पंचायतों के कुछ न कुछ जमीन में धान की फसल क्षतिग्रस्त हुई है। सबसे अधिक बर्बादी खरखोदीया, फुलबड़िया, मिस्त्र गंगटी, मोरडीहा, चांदा, चपरी, माल मंडरो पंचायत में हुई है। यहां सैकड़ों एकड़ जमीन में लगी धान की फसल क्षतिग्रस्त हुई है। वहीं प्रखंड क्षेत्र के शेष सभी पंचायतों में धान की फसल को क्षति पहुंची है। इस परिस्थिति में किसानों मजदूरों को काफी चिता हो रही है। आखिर किसान करें तो क्या करें?
प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश किसान बैंकों या महाजनों से कर्ज लेकर अपने खेतों में धान की फसल लगाए और अब यह धान की फसल प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ गई है। किसानों को फसल से हाथ धोना ही पड़ेगा। इस परिस्थिति में किसानों की आर्थिक स्थिति में निश्चित रूप से और अधिक गिरावट आएगी ही । एक तो बीते करीब 8 वर्षों से लगातार किसान सुखाड़ की मार झेल रहे हैं। बीते वर्ष हल्की बाढ़ और फिर अंत में सुखाड़ की मार झेलनी पड़ी थी । इस बार प्रखंड क्षेत्र में धान की फसल काफी अच्छी थी। सैकड़ों किसान सोच रहे थे कि इस बार अच्छी फसल उगा कर कर्ज से मुक्त हो जाएंगे। लेकिन शायद यह बात सोचने जैसी रह गई। और किसानों की स्थिति और अधिक बदत्तर होने के कगार पर हो गई। बाढ़ और लगातार वर्षा से धान की फसल बर्बाद होने से प्रखंड क्षेत्र के तमाम किसान और मजदूर काफी चितित है। प्रखंड क्षेत्र के सभी प्रभावित किसानों ने सरकार से सर्वे कराकर सामूहिक फसल बीमा का लाभ दिलाने की मांग की है।