कांग्रेस विधायक के खिलाफ पुलिस मेंस एसोसिएशन ने खोला मोर्चा, पांच थाना प्रभारियों ने की स्थानांतरण की मांग Godda News
पुलिस मेंस एसोसिएशन ने कांग्रेस विधायक व उनके कार्यकर्ताओं पर पुलिसकर्मियों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया हैं। वहीं विधायक ने इन आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताया
गोड्डा, जेएनएन। महगामा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक दीपिका पांडेय सिंह के व्यवहार से नाराज गोड्डा जिले के पांच थाना प्रभारियों और पुलिस मेंस एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है। पुलिसकर्मियों ने एसपी से स्थानांतरण की मांग की है। गोड्डा जिले के महगामा विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले मेहरमा, महगामा, हनवारा, बलबड्डा और ठाकुर गंगटी के थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने गोड्डा एसपी और डीआईजी को आवेदन सौंप कर तत्काल महागामा विस क्षेत्र के थानों से अन्यत्र स्थानांतरण की मांग की है।
इधर, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन और झारखंड पुलिस एसोसिएशन भी विधायक और उनके समर्थकों के व्यवहार से नाराजगी जताते हुए पुलिस महकमा के आला अधिकारियों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि पुलिसकर्मियों और पदाधिकारियों को महगामा विधानसभा क्षेत्र के थानों से दूसरी जगह स्थानांतरण की जाए। ताकि हम सभी विधि सम्मत सरकारी कार्य करते हुए अपने आत्मसम्मान को बचा सकें।
पुलिस मेंस एसोसिएशन के जिला मंत्री रामबदन सिंह ने कहा कि विधायक और उनके कार्यकर्ता पुलिसकर्मियों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन का अनुपालन कराने के क्रम में विधायक के कार्यकर्ताओं ने लॉक डाउन तोड़ा। उनको समझाने और मना करने पर विधायक एवं उनके कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ अभद्र व्यवहार किया। यहीं नहीं, विधायक समर्थक बार-बार निलंबित कराने की धमकी देते हैं, जिससे थाना पर पदस्थापित पुलिस अधिकारी और कर्मियों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचता है। पुलिस का मनोबल भी नीचे गिर रहा है।
प्राथमिकी दर्ज करने में देरी की तो निलंबित हुए थाना प्रभारी : बता दें कि बीते बुधवार की रात महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने महागामा थाना में लिखित आवेदन देकर टीवी न्यूज एंकर अर्णब गोस्वामी पर प्राथमिकी दर्ज कराई। बुधवार की देर रात विधायक जब महगामा थाना में पहुंची तो थाना प्रभारी ने कहा कि वे अपने ऊपर के अधिकारी से बात करके ही एफआइआर दर्ज करेंगे। इसी दौरान विधायक के साथ 50 से ज्यादा समर्थकों ने थाने का घेराव कर दिया। इसके बाद में थाने में एसपी सहित अन्य वरीय अधिकारी पहुंचे। इसके बाद भी विधायक थाने में ही धरने पर बैठ गयीं। एसपी के पहुंचने के बाद एफआइआर दर्ज हुई। इसके बाद विधायक ने एसपी से कहा कि थाना प्रभारी को सस्पेंड कीजिए। इसपर एसपी ने अपनी असमर्थता जाहिर की। हालांकि, बाद में एसपी ने थानेदार को सस्पेंड कर दिया।
आरोप-प्रत्यारोप :
- किसी भी माननीय को पुलिसकर्मियों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है। महागामा विधायक ने टीवी एंकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने में लॉकडाउन का उल्लंघन किया है। विधायक पर तत्काल लॉकडाउन उल्लंघन का केस दर्ज किया जाना चाहिए। कानून से ऊपर कोई नहीं है। -राकेश पांडेय, प्रदेश उपाध्यक्ष, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन।
- पुलिस मैनुअल में स्पष्ट उल्लेखित है कि लिखित शिकायत देने पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की जानी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने पर मैंने अपने गृह क्षेत्र महागामा थाने में लिखित आवेदन दिया तो थाना प्रभारी की ओर से घंटों टालमटोल किया गया। जनप्रतिनिधि के साथ सामान्य व्यवहार के मर्यादा का भी पालन नहीं किया गया। गलत कार्यों का विरोध करना कहां से असंवैधानिक है। कांग्रेस के कोई भी कार्यकर्ता पुलिस के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। लॉकडाउन के अनुपालन और कोरोना आपदा में पीड़ित परिवारों को राहत दिलाने में कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता सेवाभाव के साथ जनसेवा में लगा है। पुलिस मेंस एसोसिएशन के आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं। -दीपिका पांडेय सिंह, विधायक, महागामा।