प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के लिए शैक्षणिक कैलेंडर तैयार
गोड्डा जिला सहित प्रदेश के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में अगले 3 महीने में छात्र-छात्राओं का प
गोड्डा : जिला सहित प्रदेश के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में अगले 3 महीने में छात्र-छात्राओं का पाठ्यक्रम पूरा करने के साथ-साथ उसका रिवीजन पूरा कराने के लिए शिक्षा विभाग ने व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए झारखंड शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की ओर से अगले 12 सप्ताह के लिए शैक्षणिक कैलेंडर तैयार कर लिया गया है। सात दिसंबर से उक्त शैक्षणिक कैलेंडर के आधार पर छात्र-छात्राओं तक कंटेंट भेजने और उनका कोर्स पूरा कराने की प्रक्रिया शुरू होगी।
कोविड 19 काल में छात्र - छात्राओं को पढ़ाई पर पड़े असर को देखते हुए पहली से आठवीं कक्षा के सिलेबस में भी 40 फ़ीसद की कटौती की गई है। संशोधित सिलेबस व्हाट्सएप के जरिए छात्र छात्राओं तक भेजा जा रहा है। जो छात्र - छात्रा व्हाट्सएप से नहीं जुड़े हैं, उन्हें संशोधित सिलेबस का प्रिट आउट निकाल कर शिक्षण उनके घर में उपलब्ध करा रहे हैं। संशोधित 60 फीसद सिलेबस को पूरा करने और उसका रिवीजन करने का काम सोमवार से शुरू किया जाएगा। इसके लिए जो कार्यक्रम तय किए गए हैं, उसमें प्रथम दो सप्ताह के दौरान छात्र - छात्राओं को अबतक उपलब्ध कराए जा चुके कंटेंट का रिवीजन कराया जाएगा। तत्पश्चात अगले 10 सप्ताह तक उनके सिलेबस को पूरा कराया जाएगा।
मार्च में आठवीं तक के छात्र - छात्राओं का होगा फाइनल टेस्ट: मार्च में आठवीं तक के छात्र छात्राओं का अंतिम टेस्ट लिया जाएगा। फरवरी के अंत तक कक्षा एक से आठवीं तक के छात्र - छात्राओं का कोर्स पूरा करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। मार्च माह में छात्र - छात्राओं का नियमित रूप से टेस्ट लिया जाएगा। जिस तरह से ऑनलाइन व्हाट्सएप के जरिए कंटेंट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उसी आधार पर छात्र-छात्राओं का टेस्ट भी होगा। व्हाट्सएप से नहीं जुड़े छात्र छात्राओं के प्रश्न प्रिट करवा कर उन्हें उपलब्ध करवाए जाएगा। उसके लिए लिखित रूप से उत्तर भी लिए लिया जाएगा।
शिक्षक उपलब्ध कराएंगे जानकारी : शैक्षणिक कैलेंडर की जानकारी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जिले के शिक्षकों की ओर से बच्चों तक पहुंचाई जा रही है। शिक्षक इसे हर बच्चों तक उपलब्ध कराएंगे। बच्चों के घर जाकर सामग्री मुहैया कराई जाएगी। इसमें विद्यालय प्रबंधन समिति से भी सहयोग लिया जाएगा। अगले 12 सप्ताह में कब क्या पढ़ना है, इसकी पूरी जानकारी कैलेंडर में रहेगी ताकि समय पर कोर्स पूरा हो पाए और छात्रों को रिवीजन का भी समय मिल सके। शैक्षणिक कैलेंडर की हर दिन मैपिग और ट्रैकिग भी की जाएगी। ताकि पता चल सके कि छात्र - छात्राओं तक यह सही से पहुंच रहा है या नहीं।
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कोरोना काल में छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा करने और उनकी शैक्षणिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक कैलेंडर तैयार किया गया है। इसे छात्रों तक पहुंचने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी जा रही है। इससे बच्चों को काफी लाभ मिलेगा।
- फूलमनी खलखो, जिला शिक्षा अधीक्षक, गोड्डा।