Move to Jagran APP

इस दीपावली भी दीये की रोशनी जगमगाएंगे घर-शहर

क्यो न मनाए ये दीवाली मिट्टी के दिये के साथ

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 07:45 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 07:45 PM (IST)
इस दीपावली भी दीये की रोशनी जगमगाएंगे घर-शहर
इस दीपावली भी दीये की रोशनी जगमगाएंगे घर-शहर

महागामा : दीवाली पर्व जल्द ही आने ही वाला है। कुम्हारों की चाक चलनी शुरू हो गई है और मिट्टी के दीये और भुटकी बनाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। हमारे घरों में दीवाली के साथ साथ दीये बेचने वालों के घरों में भी दीवाली हो, इसके लिए इस बार अधिक से अधिक मिट्टी के दीये जलाने के लिए जागरूकता आ रही है। लोग अभी से ही मिट्टी के दीये के आर्डर दे रहे हैं। क्यों कि पूर्व से ही हमारे घरों में मिट्टी के दिये ही जलते आ रहे हैं और घर के बूढ़े बुजुर्गों का कहना है कि मिट्टी के दीये जलाने के बाद घर की सुंदरता बढ़ती है और पौराणिक मान्यता ये है कि भगवान राम 14 वर्ष की वनवास पूरी होने के बाद जब अयोध्या वापस आए तब वहां के वासियों ने खुशी में घी के दीये जलाए थे। साथ ही दूसरे ²ष्टिकोण से देखे तो बरसात के पनपने वाले कीड़े मकौड़े दीवाली के दीये में जल कर समाप्त हो जाते हैं लेकिन आज के परिवेश में दीये की जगह चमचमाती चाइनी•ा लाइट ने रखी है। इससे भारत में इसका निर्यात भी बढ़ा है। बड़े दुकानदारों की ओर से अपने धंधे में इजाफा करने के लिए चाइनिज सामानों की बिक्री की जाती है लेकिन गरीब कुम्हार के घर दीवाली फीकी पड़ जाती है। सदियों से कुम्हारों की चलती आ रही परंपरा के अनुसार मिट्टी के बर्तन और दीये बनाकर वे अपनी आमदनी बढ़ाते हैं। इसमें भारतीय संस्कृति की झलक भी दिखाई पड़ती है। मिट्टी के दीये को चाइनी•ा लाइट की चकाचौंध रोशनी ने लुप्त कर रखा है जिसको लेकर अब समाज में जागरूकता बढ़ रही है। महागामा क्षेत्र में ऐसे कुम्हकारों के लिए यह जागरूकता आशा की नई किरण लेकर आई है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.