Move to Jagran APP

दामिनी बनेगी किसानों का सुरक्षा कवच

झारखंड को वज्रपात के लिए हाई रिस्क जोन माना गया है। यहां किसी की मौत कब बिजली गिरने से हो जाए कहना मुश्किल है। प्राकृतिक आपदा के इस संकट से बचाने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत संचालित भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान ईएसएसओ और आइआइटीएम पुणे ने वर्ष 201

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 06:15 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 06:15 PM (IST)
दामिनी बनेगी किसानों का सुरक्षा कवच
दामिनी बनेगी किसानों का सुरक्षा कवच

फोटो - 4, 5, 6

loksabha election banner

- 2018 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत संचालित ईएसएसओ और आइआइटीएम पुणे ने विकसित किया मोबाइल एप

- कृषि विज्ञान केंद्र व मौसम विभाग किसानों के व्हाट्सएप ग्रुप में साझा कर रहा अपडेट

- 48 अलग-अलग स्थानों में स्थापित सेंसर से मिलता सटीक पूर्वानुमान

- 2019 में झारखंड में कुल 118 लोगों की मौत हो चुकी है विधु विनोद, गोड्डा :

-----------------------

झारखंड को वज्रपात के लिए हाई रिस्क जोन माना गया है। यहां किसी की मौत कब बिजली गिरने से हो जाए, कहना मुश्किल है। प्राकृतिक आपदा के इस संकट से बचाने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत संचालित भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान ईएसएसओ और आइआइटीएम पुणे ने वर्ष 2018 में एक मोबाइल एप तैयार किया है। इसकी मदद से बिजली गिरने से आधे घंटे पहले आपके मोबाइल पर इसकी सूचना पहुंच जाती है कि इस इलाके में बिजली गिरने वाली है। इस एप का नाम दामिनी है। गोड्डा में कृषि विज्ञान केंद्र और मौसम विज्ञान विभाग ने मिलकर इस एप के अपडेट को जिले के सभी प्रखंडों में हर आधे घंटे में विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से लोगों को पहुंचाने की कार्ययोजना तैयार की है ताकि खेतीबाड़ी कर रहे लोगों की जानमाल की सुरक्षा हो सके। देशभर में स्थापित 48 सेंसर से मिलती सटीक जानकारी : बता दें कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत ईएसएसओ और आइआइटीएम पुणे ने वज्रपात के पूर्वानुमान के लिए देश के 48 अलग अलग स्थानों में सेंसर लगाए हैं। उक्त सेंसर में दर्ज आधिकारिक आंकड़े के अनुसार वर्ष 2019 में झारखंड में कुल 45310 बार आकाशीय बिजली गिरी है। इसमें प्रदेश भर में 118 लोगों की मौत हुई है। पठारी इलाका होने के कारण संताल परगना का गोड्डा जिला सबसे खतरनाक जोन में है। यहां के तीन प्रखंड सुंदरपहाड़ी, पोड़ैयाहाट और बोआरीजोर में वज्रपात की संभावना अधिक रहती है। यहां बीते एक पखवाड़े के दौरान वज्रपात से 12 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी बीते 72 घंटे में ही पांच महिलाएं वज्रपात की चपेट में आकर मारी गई हैं। वहीं गत सप्ताह भी सदर प्रखंड और पोड़ैयाहाट में अलग अलग हादसे में सात लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार गोड्डा जिले में ही प्रत्येक वर्ष 50-100 बार बिजली गिरने की घटनाएं हो रही है। भारत में प्रतिवर्ष 2500 लोगों की मौत वज्रपात से हो जाती है। वज्रपात तीव्रगति से विकसित होने वाली आकाशीय घटना है। किसानों के व्हाट्सएप ग्रुप में दी जाती सूचना : कृषि विज्ञान केंद्र और मौसम विभाग के संयुक्त प्रयास से जिले के सभी 9 प्रखंडों में किसानों के व्हाट्सएप ग्रुप बने हुए हैं। कृषक मित्रों और प्रगतिशील किसानों के अलग अलग ग्रुप के अलावा मुखिया की देखरेख में पंचायत स्तर पर भी किसानों के ग्रुप हैं। इन ग्रुपों में कृषि विज्ञान केंद्र और मौसम विभाग दामिनी एप के अपडेट को खराब मौसम होने पर हर आधे घंटे पर अपडेट करता है। इससे किसानों को संभावित खतरे का अनुमान हो जाता है। हालांकि सुदूर गांवों में लोग अभी इससे अधिक नहीं जुड़ पाएं हैं।

-----------------------------------------------------

दामिनी एप बिजली गिरने से पहले चेतावनी देता है एवं साथ ही साथ इसके बचाव की भी जानकारी देता है। मौसम विज्ञान केंद्र और कृषि विज्ञान केंद्र संयुक्त रूप से इस एप के जरिए किसानों के साथ-साथ आम जनता में भी जागरूकता फैला रहा है। इस एप को अपने मोबाइल प्ले स्टोर से नि:शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। डाउनलोड होने के बाद एप से आवश्यक जानकारी हासिल की जा सकती है। इसके अलावा जिला स्तर पर बने व्हाट्सएप ग्रुप में दामिनी एप का अपडेट शेयर किया जा रहा है। यह नेटवर्क पूरे जिले में है।

- रजनीश प्रसाद राजेश, मौसम वैज्ञानिक, गोड्डा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.