बेगम की आस्थाः मदीना पर भरोसा तो छठ मइया पर भी यकीन
सुरनी गांव की मदीना बेगम। उन्हें मक्का मदीना पर भरोसा है तो छठ मइया पर भी कम यकीन नहीं। पिछले 22 साल से वे छठ मइया की पूजा कर रही है।
मेहरमा (गोड्डा), अनिल आनंद। झारखंड में गोड्डा के सुरनी गांव की मदीना बेगम। उन्हें मक्का मदीना पर भरोसा है तो छठ मइया पर भी कम यकीन नहीं। पिछले 22 साल से वे छठ मइया की पूजा कर रही है। पड़ोस के सनातन धर्मावलंबी परिवार में छठ पूजा होती है।
मदीना बेगम हरेक साल पड़ोसी को छठ पूजा करने के लिए प्रसाद देती हैं। छठ पूजा के सारे विधि विधान में शामिल होती हैं। फिर डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य भी देती हैं।
गोड्डा में ऐसा करने वाली वे एकमात्र मुस्लिम नहीं हैं। अमजोरा पिरोजपुर के शेख सलील और शेख मोहम्मद भी कई साल से छठ पूजा कर रहे हैं, भगवान भास्कर की आराधना में पूरी आस्था के साथ शिरकत करते हैं। सांप्रदायिक सद्भाव के लिहाज से भी तीनों ने गजब की मिसाल पेश की है।
मदीना बेगम कहती हैं, वे पिछले 22 साल से छठ पर्व में भागीदार होती रही हैं। पड़ोस के हिंदूू परिवार में छठ होती है। वे पूजा का सामान देती हैं। फिर अर्घ्य देने के लिए हरेक साल सपरिवार घाट पर जाती हैं। सूर्य भगवान व छठ मइया के प्रति उनके परिवार में अटूट आस्था हैं। शेख सलील व शेख मोहम्मद ने बताया कि उन लोगों ने खरना का प्रसाद खाया है।
परिवार की सुख शांति और समृद्धि के लिए हिंदू पड़ोसी को पूजा की सामग्री देते हैं। फिर उन लोगों के साथ छठ घाट जाते हैं। सूरज को अर्घ्य देने से उन लोगों को असीम शांति मिलती हैं।