चापाकल व जलमीनार की नहीं हुई मरम्मत, नदी सूखने से गहराया संकट
संवाद सहयोगी गोड्डा सदर प्रखंड अंतर्गत निपनियां पंचायत की बंका घाट नदी के सूख जाने से
संवाद सहयोगी, गोड्डा : सदर प्रखंड अंतर्गत निपनियां पंचायत की बंका घाट नदी के सूख जाने से आसपास क्षेत्र में जल संकट गहराने लगा है। गर्मी के शुरुआती दिनों में ही यहां चापाकलों ने पानी देना कम कर दिया है। अधिकांश चापाकल खराब पड़े हुए हैं वहीं सोलर जल मीनार से भी पानी सप्लाई की व्यवस्था ठप हो गई है। पंचायत प्रशासन ने इसकी मरम्मत को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं वहीं पीएचइडी भी इस दिशा में उदासीन बना हुआ है। चैत्र माह में ही यह हाल है तो बैसाख, ज्येष्ठ में क्या होगा, यह सोच कर लोग भयभीत हो रहे हैं। शुरुआती गर्मी में ही सदर प्रखंड की निपनियां पंचायत क्षेत्र में बहने वाली बंका नदी के सूखने से आसपास क्षेत्र में जल संकट गहराने लगा है। ऐसे में आसपास के किसानों व मवेशियों के समक्ष पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। गोड्डा व सुंदरपहाड़ी प्रखंड के सीमांत क्षेत्र पर अवस्थित इस पहाड़ी नदी के सूख जाने से आसपास के दर्जनों गांवों के भूजल पर भी असर पड़ा है। क्षेत्र के सुदंरमोड़, निपनियां, बारिश टांड़, कल्हाजोर, सुंदरमोड़, कुसुम टोला जिसमें निपनयां व सुंदरमोड़ के सात-सात टोला शामिल हैं, सबसे अधिक प्रभावित हैं। सबसे बड़ी समस्या नदी से बालू का उठाव बनी हुई है। बालू का उठाव होने के कारण नदी सूख जाती है और आसपास के ग्रामीणों व मवेशियों तक के लिए पानी नसीब नहीं हो पाता है। इस पर रोक लगाने की जरुरत है। क्या कहते हैं स्थानीय लोग : स्थानीय किसान धनंजय कुमार महतो, पंचानन महतो, शंकर महतो, रमेश महतो आदि कहना है बीस वर्ष पूर्व नदी से ही आसपास के ग्रामीणों की पेयजल समस्या दूर होती थी। ग्रामीण चुहाड़ी खोदकर मीठा पानी लाते थे और घड़ा में रखकर अपनी प्यास बुझाते थे। यह अब बीते दिनों की बात हो चुकी है। अब तो बालू ही नहीं है तो चुहांडी कहां। सबसे अधिक समस्या मवेशियों को हो गई है। पानी पिलाने के लिए मवेशियों को दूर गांव के पोखर व छिलका में ले जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में किसानों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। सरकार को इस दिशा में ध्यान देने की जरुरत है। ऐसे में अब कुआं या तालाब के पानी से ही प्यास बुझा रहे हैं। ग्रामीणो का कहना है कि निपनियां गांव में अबतक एक भी सोलर पानी टंकी नहीं लगाया गया है। इसके अलावा गांव के अधिकांश चापाकल खराब पड़े हैं। इसके मरम्मत की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जाता है। ग्रामीण दूर बहियार के कुआं से पेयजल लाकर अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं । वर्जन : चापाकल मरम्मत की दिशा में विभाग को पत्र भेज दिया गया है शीघ्र ही मरम्मत हो जायेगा। वहीं सोलर सिस्टम की स्वीकृति की दिशा में वे प्रयासरत हैं। : संजय महतो, मुखिया, निपनियां, पंचायत, गोड्डा