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जिलेभर में भाइयों ने कलाई पर राखी बंधवाकर लिया बहन की रक्षा का वचन

गोड्डा सावन की अंतिम सोमवारी व रक्षाबंधन के साथ सावन के पावन मास का समापन हो गया। कोरोना

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 07:21 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:15 AM (IST)
जिलेभर में भाइयों ने कलाई पर राखी बंधवाकर लिया बहन की रक्षा का वचन
जिलेभर में भाइयों ने कलाई पर राखी बंधवाकर लिया बहन की रक्षा का वचन

गोड्डा : सावन की अंतिम सोमवारी व रक्षाबंधन के साथ सावन के पावन मास का समापन हो गया। कोरोना संक्रमण काल में इस बार का सावन भक्तों के लिए फीका रहा। मलाल इस बार का रहा कि इस बार सरकार के निर्देश के कारण श्रद्धालु शिवालयों को पूजा अर्चना नहीं कर पाये। इसके साथ ही कोरोना का साया पूरे मास रहा। श्रद्धालु भक्तगण में बाबा भोलेनाथ से यही मंगलकामना की अगली बार जब सावन मास आये तो कोरोना संक्रमण मुक्त रहे व भोलेनाथ सबका मंगल करें विश्व कल्याण करें। सावन की अंतिम के सोमवारी इस बार रक्षाबंधन का पर्व रहा लेकिन यहां पर कोरोना भाई-बहन के प्रेम के उत्साह का कम नहीं कर पायी। जहां रक्षा बंधन का पर्व उल्लास व उत्साह के मनाया गया बहनों ने अपने भाई के कलाई पर राखा बांधी। छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक ने अपने बहन से कलाई पर राखी बांधवाई। यही उम्मीद जतायी की यह रक्षा का धागा सालभर उनकी रक्षा करे। एक तरह से कहा जाया तो सावन के अंतिम दिन ही खासा उत्साह दिख इस दिन सभी ने अपने घरों में ही बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना की व इसके बाद रक्षा बंधन का पर्व उल्लास के मनाया। जहां इसके बाद बड़ी संख्या में युवाओं ने सोशल साइट पर त्योहार का फोटो अपलोड किया। अहले सुबह से ही लोग घरों पूजा अर्चना में लगे रहे। 9.30 बजे मुहूर्त आने के बाद राखी बांधने का सिलसिला शुरू हुआ जो पूरे दिन चलता रहा। अंतिम सोमवारी रहने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सोमवारी का व्रत भी रखा हुआ था। कोरोना संक्रमण काल में इस बार का रक्षाबंधन पर्व भी शुभयोग में रहा जिससे कारण भी लोग उत्साहित रहे और बहनों ने अपने भाई कि कलाई पर राखी बांधा। पंडित मंगल झा के मुताबिक इस बार पर्व में सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही इस बार आयुष्मान दीर्घायु योग था जिसका काफी महत्व है। लगभग तीन दशक के बाद इस तरह का योग बना था।

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महागामा : महागामा में हर्षोल्लास के साथ भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया। इस मौके पर बहन ने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर उनकी सलामती की दुआ की। बहन ने भाई के माथे पर दही, चंदन, अक्षत से तिलक लगाकर आरती उतारी फिर भाई का मुंह मीठा करायी। इसके बदले भाई ने भी बहन को उपहार स्वरूप भेंट किए। इस दौरान बहन ने भाई की सलामती के लिए दीर्घायु की कामना की तथा भाई ने भी बहन की सुरक्षा का वचन दिया।इस दौरान भाई बहन ने कोरोना महामारी को देखते हुए सुरक्षा के ²ष्टि कौन से मास्क पहने हुए थे हालांकि कोरोना को लेकर यह ऐसा पहला अवसर है जहां भाई अपने बहनों के ससुराल में या बहने अपने ससुराल से भाई को राखी मायके नहीं पहुंचा सकी। एक तो कोरोना संक्रमण का खतरा और आने जाने के लिए साधनों का अभाव जिस वजह से बहनें अपने भाइयों से दूर रहकर ही उनकी सलामती की दुआ मांगी। रक्षाबंधन त्योहार को लेकर भाई बहनों के बीच काफी उत्साह देखी गई।

ठाकुरगंगटी : प्रखंड क्षेत्र के दिघी , मानिकपुर , तेतरिया माल , माल मंडरो , बुधवाचक , मोरडीहा , खरखोदिया , चपरी , चांदा , मिश्र गंगटी , फुलबड़िया , रुंजी, बनियाडीह , पंजराडीह पंचायतों के विभिन्न गांवों में भाई बहन का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस दौरान भी लोगों ने सतर्कता बरतने का काम किया । इस बार के रक्षाबंधन में चीन वाली राखी कहीं नहीं दिखाई पड़ा । लोगों ने चीन के राखियों का शत प्रतिशत बहिष्कार किया। और अपने भारत देश में बने राखियों का ही उपयोग किया । भीड़ भाड़ नहीं लगाया और बिल्कुल ही सजगता पूर्वक त्यौहार को मनाया ।

पथरगामा : प्रखंड अंतर्गत सोमवार को भाई बहनों के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन पर इस वर्ष कोरोना संक्रमण बाधक बन कर खड़ा हो गया।कोरोना संक्रमण से डर डर कर भाई बहनों ने इस पर्व को मनाया।कोरोना के कारण वाहन नहीं चलने के कारण जिन भाइयों की बहने परदेस में थी उस से राखी बनवाने के लिए उसका भाई इस बार नहीं जा सका।रक्षाबंधन के दौरान भाई बहनों ने अपने चेहरे को मास्क से छुपा कर रखा था जिसके दोनों के चेहरे की मुस्कान दिखाई नहीं पड़ रही थी। भाई और बहनों का हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में उठे तो जरूर परंतु वह हाथ सैनिटाइजर लगे हुए थे।बाजारों में राखी की दुकानें सजी हुई थी परंतु खरीददारों की कमी दुकानदारों को खल रही थी।

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रत्नेश्वरनाथ धाम में भव्य श्रृगंारी पूजा का आयोजन गोड्डा: शहर के शिवपुर स्थित रत्नेश्वरनाथ मंदिर में रात के वक्त का बाबा का भव्य श्रृंगारी पूजा का आयोजन किया गया। श्रृंगारी पूजा में मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोग व मंदिर के पूजारी पुरोहित शामिल हुए। अंतिम सोमवारी को लेकर बाबा का भव्य श्रृंगार पूजा हुआ। सावन के श्रृंगारी पूजा का विशेष महत्व है जिसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग मंदिर पहुंचते थे व मंदिर जगह नहीं बचती थी लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण काल में पाबंदी के कारण लोग शामिल नहीं हो पाये जहां सोशल साइट व आन लाइन ही बाबा के श्रृंगारी पूजा का दर्शन किया। सावन की सोमवारी को लेकर मंदिरों भीड़ की संभावना को लेकर पुलिस बल की तैनाती रहती थी।


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