घर में कल बंटी थी मिठाई, आज टूटा गमों का पहाड़
घर में कल बंटी थी मिठाई आज टूटा गम का पहाड़
घर में कल बंटी थी मिठाई, आज टूटा गमों का पहाड़
जागरण टीम, गोड्डा : महागामा के शिवकित्ता गांव के पास एनएच 133 में हुए भीषण सड़क हादसे में जान गंवाने वाले दो छात्राओं के स्वजनों के समक्ष तो गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। मृतका प्रणिका सोरेन और रोजी मुर्मू दोनों शनिवार की सुबह अपने घर से स्कूटी लाने के लिए महागामा के हरकट्टा गांव गई थी। वहां से लौटने के क्रम में दोनों हादसे की शिकार हुई और मौका ए वारदात पर ही दोनों ने दम तोड़ दिए। प्रणिका के पिता पुलिस सेवा में है, वहीं रोजी के पिता वारिस मुर्मू पारा शिक्षक हैं। दोनों का परिवार गोड्डा के लोहियानगर में आसपास ही रहता है। दोनों संत जोसेफ स्कूल में सातवीं की छात्रा थी। इसमें रोजी मुर्मू के घर तो कल ही पंचायत चुनाव में मिली जीत की खुशी में मिठाइयां बंटी थी।
शुक्रवार को झिलुआ पंचायत से वारिस मुर्मू के परिवार से मुखिया प्रत्याशी जीतने से मिठाई बांटी जा रही थी। वहीं शनिवार को वारिस की बेटी रोजी मुर्मू की सड़क दुर्घटना में मौत से परिवार में गमों का पहाड़ टूट पड़ा। वारिस मुर्मू शव से लिपट कर विलखने लगे। बेटी की मौत से उनकी तो कमर ही टूट गई। बेटी को पढ़ाने को लेकर स्वजनों को गोड्डा में किराया का घर लेकर रखते थे। पढ़ा लिखाकर बिटिया को बड़ा पदाधिकारी बनाने का सपना था। पर सपना हकीकत बनने के पहले ही चकनाचूर हो गया। झिलुआ पंचायत के परमेश्वर ठाकुर, किशुन मिर्धा, अजय किस्कु, प्रेमलता किस्कु, सोनाली किस्कु, किरण सोरेन, दयमंती कुमारी आदि ने बताया कि उनकी पंचायत से एक होनहार छात्रा को खो दिया।
हेलमेट पहनी होती को बच सकती थी किशोरियों की जान : शनिवार को महागामा गोड्डा मुख्यमार्ग एनएच 133 में शिवकित्ता के समीप स्कूटी सवार दो किशोरी की मौत ने घटनास्थल के राहगीरों को भी झकझोर कर रख दिया। दोनों किशोरी के सिर पर गंभीर जख्म होने से मौत हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्कूटी के परखच्चे तो उड़े ही। सवार दोनों किशोरी के सिर भी बुरी तरह कुचल गया। हादसे से गुस्साए स्थानीय ग्रामीणों ने मुख्यमार्ग को जाम कर दिया गया। मृतकों में राजाभिठा थाना क्षेत्र के तुलसीपुर निवासी सोनालाल सोरेन की पुत्री प्रणिका सोरेन उर्फ अल्का सोरेन एवं उसकी सहेली रोजी मुर्मू के रूप में हुई। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि एक तो किशोरियों को स्कूटी चलाने की अनुमति देना अभिभावकों की पहली भूल थी वहीं किशोरियों ने हेलमेट भी नहीं पहन रखा था। स्कूटी और बोरवेल गाड़ी की आमने सामने की टक्कर में दोनों को जान गंवानी पड़ी।