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धूल फांक रहा आठ करोड़ का भवन, नहीं चालू हुआ यूनानी कॉलेज

झारखंड अलग राज्य बनने के बाद मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्याíथयों के लिए यूनानी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थापना गिरिडीह में करने को लेकर प्रक्रिया प्रारंभ की गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 11:50 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 06:55 AM (IST)
धूल फांक रहा आठ करोड़ का भवन, नहीं चालू हुआ यूनानी कॉलेज
धूल फांक रहा आठ करोड़ का भवन, नहीं चालू हुआ यूनानी कॉलेज

प्रभात कुमार सिन्हा, गिरिडीह: झारखंड अलग राज्य बनने के बाद मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्याíथयों के लिए यूनानी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थापना गिरिडीह में करने को लेकर प्रक्रिया प्रारंभ की गई। इसके तहत गिरिडीह-जमुआ भाया चितरडीह मुख्य मार्ग के किनारे सदर प्रखंड के रानीखावा पंचायत अंतर्गत परियाना गांव में आठ करोड़ की लागत से कॉलेज सह छात्रावास भवन का निर्माण कार्य पूरा किया गया है, लेकिन कॉलेज के अब तक चालू नहीं होने से जहां कॉलेज भवन को कौशल विकास केंद्र के रूप में उपयोग किया जा रहा है, वहीं छात्रावास के लिए बनाया गया दोमंजिला भवन धूल फांक रहा है।

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इस कालेज के लिए भवन बनाने का कार्य वर्ष 2006 में प्रारंभ किया गया और 10 साल बाद भवन बनाकर विभाग को वर्ष 2016 में हैंडओवर कर दिया गया लेकिन मानवकर्मियों की बहाली नहीं होने से यह महाविद्यालय अब तक चालू नहीं हो पाया है। कॉलेज सह छात्रावास के लिए यहां सरकार के आदेश पर प्रशासन ने 11.18 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया। तत्पश्चात भवन का निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। इसके तहत 50 सीट वाले कॉलेज के लिए दो मंजिला भवन तथा 60 बेड के छात्रावास के लिए अलग से दो मंजिला भवन का निर्माण किया गया है।

वैसे अब तक यहां चारदीवारी का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे यह कैंपस पूरी तरह असुरक्षित है। कॉलेज के लिए प्राध्यापक व अन्य कर्मियों की बहाली की प्रक्रिया पूरी नहीं होने से भवन धूल फांक रहा है। इसे चालू कराने को लेकर सांसद व विधायक ने भी कभी सदन में आवाज नहीं उठाई, जिस कारण युवाओं को बेहतर संस्थान का लाभ अपने प्रदेश में नहीं मिल पा रहा है।

पीपीपी मोड़ में कॉलेज चालू करने की चल रही प्रक्रिया: इस कॉलेज को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड़ में चलाने को लेकर विभागीय स्तर से प्रक्रिया प्रारंभ करने की बात बताई जा रही है, लेकिन इस दिशा में कितना दूर तक काम हुआ है इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।

बाबूलाल ने की थी यूनानी समेत तीन कॉलेजों की घोषणा: झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने तीन कॉलेजों को खोलने की घोषणा की थी। इसके तहत गिरिडीह में यूनानी कॉलेज, चाईबासा में आर्युवेद कॉलेज व गोड्डा में होमियोपैथिक कॉलेज खोलने की बात थी। अलग राज्य बने 19 साल बीतने को हैं, लेकिन अब तक विद्याíथयों को इन कॉलेजों के खुलने का इंतजार ही है।

निचले तल्ले में संचालित है दीनदयाल कौशल विकास केंद्र: कॉलेज के लिए बने दोमंजिला भवन में यूनानी चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई तो नहीं शुरू हो सकी है, लेकिन यहां युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। इस भवन में तत्कालीन उपायुक्त उमाशंकर सिंह के निर्देश पर दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र का संचालन झारखंड कौशल विकास निगम सोसाइटी की ओर से किया जा रहा है।

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यूनानी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के लिए दो अलग-अलग भवन बनकर तैयार हैं। विभाग को भवन हैंडओवर कर दिए गए हैं, लेकिन संसाधन की कमी के कारण महाविद्यालय में अब तक पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है। कई बार लेक्चरर समेत अन्य स्टाफ की बहाली को लेकर सरकार को लिखा गया है, लेकिन कोई पहल नहीं हो सकी है। चारदीवारी भी अभी नहीं बनी है।

- डॉ मो अतिकुर रहमान, प्रभारी प्राचार्य, राजकीय यूनानी चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल।


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