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शहर में नगर निगम की नाक के नीचे सूख रहे लोगों के कंठ

गर्मी का मौसम शुरू होते ही शहर के शास्त्री नगर में जल संकट गहरा गया है। यहां नगर निगम की नाक के नीचे लोग पानी को प्यासे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 11:55 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 06:34 AM (IST)
शहर में नगर निगम की नाक के नीचे सूख रहे लोगों के कंठ
शहर में नगर निगम की नाक के नीचे सूख रहे लोगों के कंठ

संवाद सहयोगी, गिरिडीह: गर्मी का मौसम शुरू होते ही शहर के शास्त्रीनगर में जलसंकट गहरा गया है। यहां निगम की नाक के नीचे लोगों के कंठ सूख रहे हैं। इस गर्मी में गहराते जलसंकट के कारण स्थानीय लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।

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लोगों का गुस्सा लाजमी है, क्योंकि इस इलाके में कहीं बूंद-बूंद को लोग तरस रहे हैं तो कहीं स्टैंडपोस्ट से बेवजह पानी बहकर बर्बाद हो रहा है।

बसंती देवी ने बताया कि यूं तो यहां हमेशा से जलसंकट रहा है, लेकिन इधर करीब दो माह से बूंद-बूंद पानी बचाकर रखना पड़ रहा है। पीने का पानी चापाकल से लाना पड़ता है। विभागीय स्तर पर नाममात्र की जलापूर्ति की जाती है।

प्रदीप यादव ने बताया कि शास्त्रीनगर के अंदर मुहल्ले में पाइपलाइन का विस्तार भी नहीं किया गया है। बजरंगबली मंदिर के पास दो चापाकल हैं, जिनमें से एक सालों से खराब पड़ा है। यहां लगे पोस्ट में पानी कभी-कभार ही आता है। राजेश प्रसाद ने कहा कि यहां पानी की घोर किल्लत है। सप्ताह भर से सप्लाई का पानी नहीं आ रहा है। दुर्गा मंडप के पास लगे चापाकल ने करीब ढाई वर्ष पूर्व से पानी उगलना बंद कर दिया है। कई बार विभाग को सूचना दी गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

बबलू सिन्हा का कहना है कि नगर निगम व पीएचइडी विभाग की लापरवाही का खामियाजा लोग भुगत रहे है। विभाग ने लोगों की सुविधा के लिए जगह-जगह पर जलापूर्ति के लिए स्टैंडपोस्ट लगवा तो दिया, लेकिन उसमें नल नहीं लगवाया, जिस कारण बेवजह हजारों लीटर पानी बह कर बर्बाद हो जाता है।

शाहन कौर व हरभजन कौर ने कहा कि विभागीय लापरवाही के कारण आज जलसंकट उत्पन्न हुआ है। विभागीय कर्मी अगर लगातार पाइप लाइनों की देखरेख करें, लीकेज की मरम्मत तत्काल हो तो काफी हद तक पानी की समस्या से निजात पाई जा सकती है। जिला प्रशासन और विभागीय पदाधिकारियों को इस ओर गंभीर होकर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।


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