विशुद्ध सागर महाराज ने मधुबन में किया मंगल प्रवेश
पीरटांड़ बिहार के वैशाली से चलकर गिरिडीह पहुंचे जैन संत आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर ज
पीरटांड़ : बिहार के वैशाली से चलकर गिरिडीह पहुंचे जैन संत आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज शनिवार को शुभ मुहूर्त के अनुसार पदयात्रा कर मधुबन पहुंचे। यहां उनका भव्य स्वागत हुआ। उनके मंगल प्रवेश को ले मधुबन को आकर्षक तरीके से सजाया गया था। मधुबन मोड़ से लेकर तेरहपंथी कोठी तक रंगोली, तोरणद्वार आदि बनाए गए थे। उनके मंगल प्रवेश के साथ ही मधुबन एक बार फिर भक्तिमय हो गया है। कोरोना के कारण एक साल वीरान रहा मधुबन एक बार फिर गुलजार हुआ। सम्मेद शिखर मधुबन पहुंच विशुद्ध सागर जी महाराज ने यहां के विभिन्न जैन मंदिरों का दर्शन और पूजा-अर्चना की। साथ ही, प्रवचन भी किया। वह तेरहपंथी कोठी में विराजमान हैं। बता दें कि मधुबन जैन धर्म का विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यहां के पारसनाथ पहाड़ टोक पर भगवान पार्श्वनाथ का मंदिर है। विश्व भर के जैन तीर्थयात्री यहां आते हैं और पारसनाथ पहाड़ जाकर मंदिर दर्शन का लाभ लेते हैं। यहां सैकड़ों जैन साधुओं का भी आगमन होता रहता है। इसी कड़ी में 29 जैन साधुओं के साथ विशुद्ध सागर जी महाराज का भी यहां मंगल प्रवेश हुआ है। उनके स्वागत में मधुबन व पीरटांड़ प्रशासन के साथ-साथ जैन संस्थाओं के पदाधिकारी व समाज के लोग कई दिनों से लगे हुए थे। गाजे बाजे के साथ यहां उनका मंगल प्रवेश किया गया। सतेंद्र जैन, अतुल जैन आदि का इसमें योगदान रहा।