तिसरी में जलापूíत व्यवस्था रामभरोसे, पानी के लिए मचा हाहाकार
तिसरी में जलापूíत व्यवस्था रामभरोसे चल रही है। यहां महीनों से एक मोटर और स्टैबलाइजर खराब पड़ा है।
संस, तिसरी (गिरिडीह): तिसरी में जलापूíत व्यवस्था रामभरोसे चल रही है। यहां महीनों से एक मोटर और स्टैबलाइजर खराब पड़ा है। इसके कारण एक ही मोटर से जलापूíत की जा रही है। उस पर भी पर्याप्त वोल्टेज नहीं होने के कारण पानी मिलने की गारंटी नहीं होती। वहीं अगर दूसरे मोटर में भी खराब आती है तो जलापूíत पूरी तरह बंद हो जाएगी, जिससे गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा।
बता दें कि रीजनल स्थित पुराना कूप से पानी आपूíत के लिए दो मोटर और एक स्टैबलाइज की व्यवस्था की गई थी। दो साल से एक ही मोटर से काम चल रहा है। इसकी जानकारी शुक्रवार सुबह कूप के पास जाने पर हुई। यहां जलापूíत करने के लिए प्रतिनियुक्त नितेश मिश्रा ने कहा कि खराब पड़ी मशीन को बनाने और जलापूíत व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए विभाग के जेई, बीडीओ व मुखिया को कई बार कहा जा चुका है, लेकिन मरम्मत नहीं होने के कारण प्रखंड क्षेत्र की आधी आबादी पानी के लिए इधर-उधर भटकने को विवश है।
इधर, विभाग के अधिकारी पानी संकट का कारण कूप में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं होना बताते हैं, लेकिन वास्तविक समस्या मोटर की खराबी है। कूप में डाले गए पाइप से पानी लीकेज हो रहा है, जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। सप्लाई करने के बाद भी कूप में 10-15 फीट पानी बच जाता है। यदि कूप में आठ फीट पाइप और लगा दिया जाए तो लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलेगा।
मिश्रा का कहना है कि वोल्टेज बढ़ने व टंकी में पानी चढ़ा कर आपूíत करने से सभी घरों तक आसानी से पानी पहुंच जाएगा। इसके लिए बीडीओ को आवेदन देकर सुझाव दिया गया है। ग्रामीण टिकू साव ने कहा कि पानी का फ्लो कम है, लेकिन पुल के इस पार सभी को पानी सुबह-शाम मिलता है। वहीं जहां पर पानी की सख्त जरूरत है, वहां पहुंच नहीं रहा है। मुखिया भी इसपर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
ग्राम जल स्वच्छता समिति को करानी है मरम्मत: विभाग के कार्यपालक अभियंता अनूप कुमार महतो ने कहा कि इसकी जिम्मेवारी ग्राम जल स्वच्छता समिति को सौंपी गई है। पानी सप्लाई में जो टैक्स वसूला जाता है, उसी से मरम्मत व पानी की व्यवस्था की जाएगी।
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पीएचईडी ने हाथ उठा दिए हैं। 14वीं वित्त की राशि से फिलहाल स्टैबलाइजर की मरम्मत कर जलापूर्ति कराई जाएगी।
- सुनील प्रकाश बीडीओे, तिसरी