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एक करोड़ के इनामी अनल दा समेत 10 के खिलाफ चलेगा देशद्रोह का मुकदमा

गिरिडीह हार्डकोर नक्सली कृष्णा हांसदा समेत दस नक्सलियों के खिलाफ देशद्रोह का केस चलेगा

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 07:51 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 07:51 PM (IST)
एक करोड़ के इनामी अनल दा समेत 10 के खिलाफ चलेगा देशद्रोह का मुकदमा
एक करोड़ के इनामी अनल दा समेत 10 के खिलाफ चलेगा देशद्रोह का मुकदमा

गिरिडीह : हार्डकोर नक्सली कृष्णा हांसदा समेत दस नक्सलियों के खिलाफ देशद्रोह का केस चलेगा। डीसी राहुल कुमार सिन्हा के भेजे आवेदन को राज्य सरकार ने मंजूर कर अभियोजन की स्वीकृति दे दी है। देशद्रोह का केस राज्य सरकार की मंजूरी के बिना न्यायालय में नहीं चलाया जा सकता है। राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से प्राप्त शक्तियों के आधार पर अभियोजन की मंजूरी दी है। जिन नक्सलियों के खिलाफ देशद्रोह का केस चलाया जाएगा उनमें कृष्णा हांसदा के अलावा विजय मरांडी, बाबूलाल मुर्मू, विनोद हांसदा, बैजून किस्कू उर्फ लंगड़ा, दुर्गा टुडू, लक्ष्मण राय, बैजनाथ महतो और चुरामन महतो शामिल हैं। ये सभी पीरटांड़ के मामले में आरोपित हैं। वहीं मधुबन थाना क्षेत्र से गिरफ्तार नक्सली बाबूचंद मरांडी उर्फ सूरज मरांडी पर भी देशद्रोह के आरोप का शिकंजा कसा गया है। दोनों मामलों में पीरटांड़ और मधुबन पुलिस ने अनुसंधान रिपोर्ट और पर्यवेक्षण टिप्पणी के साथ डीसी को आवेदन देकर राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति दिलाने की मांग की थी।

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-मुठभेड़ में मोतीलाल बास्के की हुई थी मौत : मधुबन पुलिस नक्सलियों के खिलाफ पारसनाथ क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। पुलिस को सूचना थी कि एक करोड़ के इनामी नक्सली सह भाकपा माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी सदस्य पतिराम मांझी उर्फ अनल दा के नेतृत्व में नक्सलियों का दस्ता बैठक कर रहा है। साथ ही किसी बड़ी योजना की तैयारी कर रहा है। इसमें अजय महतो उर्फ टाइगर समेत चालीस की संख्या में सशस्त्र हार्डकोर नक्सली पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए जमे हैं। सर्च ऑपरेशन के तीसरे दिन नौ जुलाई 2018 को दिन के साढ़े बारह बजे पारसनाथ पहाड़ी के चंद्रप्रभु मंदिर से ढाई किलोमीटर दूर जैसे ही पुलिस, सीआरपीएफ और कोबरा के जवान पहुंचे घात लगाए बैठे नक्सलियों ने फायरिग शुरू कर दी। नक्सली पुलिस को टारगेट कर लैंड माइंस विस्फोट करने लगे। नक्सली हमला कर हथियार लूटने की बातें कर रहे थे। पुलिस की जवाबी फायरिग के बाद नक्सली भाग गए। फायरिग के बाद पुलिस आगे बढ़ी तो एक व्यक्ति का शव पाया जिसे पुलिस की गोली लगी थी। उसके पास एक एसएलआर राइफल पाया गया। मृत नक्सली के बारे में पता करने पर पाया कि उसका नाम मोतीलाल बास्के है।

-नक्सली सूरज ने निकाल दी थी राजनीति की हवा : मुठभेड़ में मोतीलाल बास्के के मारे जाने के बाद जिले में जमकर राजनीति शुरू हुई थी। प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और तत्कालीन राज्य सरकार में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मोतीलाल के मारे जाने के खिलाफ वहां गए थे। दोनों ने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। कहा था कि मोतीलाल बास्के डोली मजदूर था। पुलिस ने नक्सली बताकर उसकी हत्या की है। वहीं पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किए नक्सली सूरज मरांडी ने जो बयान दिया था उसने दोनों की हवा निकाल दी थी। पुलिस ने नक्सली सूरज का बयान न्यायालय में दर्ज कराया था। अपने बयान में सूरज ने कहा था कि ढोलकट्टा में हुए मुठभेड़ में एक नहीं दो नक्सलियों की मौत हुई थी। इनमें मोतीलाल बास्के और दूसरा नारायण दा उर्फ दुमका दा था। नक्सली नारायण का शव उठाकर ले गए थे। मुठभेड़ में वह भी शामिल था। इस मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली शामिल थे। उन्होंने अन्य कई बड़ा खुलासा किया था।

-आइईडी से उड़ाने की थी योजना : पीरटांड़ पुलिस को सूचना मिली थी कि हार्डकोर कृष्णा हांसदा का दस्ता बैठक कर रहा है। 14 अप्रैल 2017 को पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जैसे ही मंडलडीह के बगल से जंगल की ओर पुलिस टीम बढ़ी तो दो व्यक्ति भागने लगे। पुलिस ने दोनों को पकड़ा। पकड़ाए व्यक्तियों ने अपना नाम बाबूलाल मरांडी और विजय मरांडी बताया। दोनों ने कहा कि वे कृष्णा हांसदा दस्ते का सदस्य है। दोनों की निशानदेही पर पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए रखा आइईडी बरामद किया गया था। दोनों नक्सलियों के जेल जाने के बाद अनुसंधानकर्ता के समय पर आरोप पत्र न्यायालय में नहीं देने पर वह छूट गया था।


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