ग्रामीण जलापूर्ति योजना के बंद होने से हजारों ग्रामीण प्यासे
डुमरी (गिरिडीह) कड़ी धूप गरमी व लू के शुरू होते ही डुमरी इसरी कुलगो नावाटाड़
डुमरी (गिरिडीह): कड़ी धूप, गरमी व लू के शुरू होते ही डुमरी, इसरी, कुलगो, नावाटाड़, खुरजियो, चेगरो आदि विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के समक्ष पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसरी डुमरी के ग्रामीणों का कहना है जमुनिया नदी पर बने इंटेक वेल में पानी का स्तर काफी नीचे चले जाने से जल की लिफ्टिग नहीं हो पाना पेयजल आपूर्ति की प्रमुख समस्या बन गई है। क्षेत्र के लोग ना सिर्फ पेयजल आपूर्ति के लिए परेशान हैं बल्कि उन्हें स्नान करने, जानवरों को पानी पिलाने व कपड़ा धोने को भी पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। एक ओर बढ़ती गर्मी से जलस्त्रोतों का सूखना शुरू हो गया है तो दूसरी ओर क्षेत्र की एकमात्र नदी जमुनिया का वैध व अवैध तरीके से खनन उत्खनन किए जाने से उसके अस्तित्व पर खतरा पैदा हो गया है। एक ओर आसपास के ईट-भट्ठा संचालकों से नदी के किनारे मिट्टी का कटाव कर उसे ले जाया जा रहा है तो दूसरी ओर बालू का व्यापार करनेवाले लोग नदी को खरोंच खरोंचकर बालू को ट्रैक्टरों में ढोकर ले जा रहे हैं। क्षेत्र में हो रहे ऐसे जायज नाजायज काम पर रोक लगाने को न ही किसी अधिकारी ने कदम उठाया है और ना ही क्षेत्र के किसी जनप्रतिनिधि ने ही इसके लिए कोई प्रयास किया है। करिहारी पहाड़ी के समीप स्थित डुमरी जामतारा ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना बीते लगभग दो वर्षो से बंद पड़ी है। क्षेत्र के लोगों ने सरकार से यह मांग की है कि वे त्वरित कार्रवाई कर पेयजल समस्या से जूझ रही आम जनता को राहत दिलाएं व लोगों की प्यास बुझाएं। ज्ञात हो कि जमुनिया नदी के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एक समय था कि जब जमुनिया नदी में वर्षभर जल कल-कल कर बहती रहती थी। लोग इसके तट पर सुबह शाम सैर करते थे। पूरे इलाके को पर्याप्त जल नसीब होता था, लेकिन आज इसकी हालत ऐसी हो गई है कि यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है कि यह नदी है या फिर सूखा मैदान।
प्रतिक्रिया : पेयजल योजना सुचारू रूप से चालू हो जाने से ग्रामीण को जल मिल जाता तो जामतारा व डुमरी पंचायत के लगभग 10 हजार लोगों की प्यास बुझती लेकिन किसी जनप्रतिनिधि ने पहल नहीं की। जनप्रतिनिधियों को वोट से मतलब है, लेकिन जनता अब जाग चुकी है। इसका जबाव आनेवाले चुनाव में जनता जरूर देगी।
-विवेक कुमार।
गेल कंपनी की ओर से पाइप लाइन को अपने कार्य के स्वार्थ को लेकर तोड़ दिए जाने के बाद नहीं बनने से जामतारा डुमरी की जनता को जनप्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया था कि यह जल्द बन जाएगा, लेकिन किसी ने इसमें पहल नहीं की। इस कारण गेल के अधिकारी भी मौन हो गए हैं।
-प्रभात कुमार।