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शिक्षक दिवस पर मिली गुरु-शिष्य परंपरा को धार

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: जिले भर में बुधवार को धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया गया। स्कूल-का

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 06:48 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 06:48 PM (IST)
शिक्षक दिवस पर मिली गुरु-शिष्य परंपरा को धार
शिक्षक दिवस पर मिली गुरु-शिष्य परंपरा को धार

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: जिले भर में बुधवार को धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया गया। स्कूल-कॉलेजों सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में इसकी धूम रही। विद्यार्थियों ने गुरुजनों को उपहार भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया। गुरुओं के सम्मान में कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस दौरान मान-सम्मान से वंचित हो रहे शिक्षकों का दर्द भी सामने आया। शिक्षकों ने अपनी व्यथा बयां की। मौके पर शिक्षकों की खोई गरिमा को वापस लौटाने और गुरु-शिष्य परंपरा को पुनस्र्थापित करने पर बल दिया गया।

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नगर भवन में जिला प्रशासन की ओर से शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन उपायुक्त नेहा अरोड़ा, उप विकास आयुक्त मुकुंद दास, प्रशिक्षु आइएएस प्रेरणा दीक्षित आदि ने किया। उपायुक्त ने कहा कि समाज को हमेशा शिक्षकों की आवश्यकता रही है। आज हम सब यहां है तो यह शिक्षकों की ही देन है। समाज और देश के विकास में शिक्षकों का अहम योगदान है। शिक्षण ही एक ऐसा पेशा है जो सभी पेशों को जन्म देता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। वे मानसिक रूप से परेशान रहेंगे तो बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाएंगे। प्रखंड स्तर पर शिक्षकों के लिए स्वास्थ्य जांच की भी व्यवस्था की जाएगी।

डीडीसी ने कहा कि जिले के सभी शिक्षक सम्मानीय हैं। आज यहां जिन्हें सम्मानित नहीं किया गया, वे भी सम्मान के योग्य हैं। आप व्यक्ति को महान और आदर्श बनाते हैं। किसी भी देश की पहचान संस्कार और शिक्षा से होती है। बच्चों में संस्कार का बीज भी शिक्षक ही डालते हैं। एडीपीओ पीयूष कुमार ने स्वागत भाषण दिया। शिक्षकों ने जताई खुशी, बताई पीड़ा: प्लस टू उवि गिरिडीह के प्रधानाध्यापक सुशील कुमार ने कहा कि हम शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है, यह हमारे लिए गर्व की बात है। तेजनारायण महथा ने कहा कि सरकार हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं देती है। हमें न तो संसाधन मुहैया कराया जाता है और न ही सही से काम करने दिया जाता है। ऐसे में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे मिलेगी। विनोद राम ने कहा कि जिला प्रशासन हमें सम्मान तो दे रहा है, लेकिन हमारी समस्याओं का भी समाधान करे। मैनेजर प्रसाद ¨सह ने कहा कि शिक्षकों को अगर सही से काम करने दिया जाए तो अपना देश विश्व में सबसे आगे रहेगा। पुरस्कार के लिए हमें खुद फार्म भर कर देना पड़ता है। यह व्यवस्था बंद हो। हमारे कार्यो का मूल्यांकन प्रशासन और विभाग खुद करे। 60 शिक्षक हुए सम्मानित: समारोह में जिला व प्रखंड स्तर पर कुल 60 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इनमें मुन्ना प्रसाद कुशवाहा, शमा परवीन, चंदन कुमार ¨सह, अनिल कुमार, जूली कुमारी, नवीन कुमार, दिनेश्वर प्रसाद वर्मा, नसीरउद्दीन अंसारी, दिगंबर प्रसाद, अशोक कुमार मिश्र, अनंत सिन्हा, दिलीप कुमार, अनिल कुमार पांडेय, भागीरथ प्रसाद, अरुण कुमार आदि शामिल हैं। कस्तूरबा की छात्राओं ने मोहा मन: समारोह में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय गिरिडीह की छात्राओं महिला सशक्तीकरण पर आधारित नृत्य व नाटक प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया। शिक्षक युगल किशोर एवं सुधीर कुमार ने सरकारी विद्यालयों में हुए बदलाव पर आधारित स्वलिखित गीत प्रस्तुत किया। शिक्षिका स्मिता व ज्योत्सना ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। समारोह का संचालन एपीओ अभिनव कुमार व शिक्षक मुन्ना प्रसाद कुशवाहा ने किया। मौके पर सैकड़ों शिक्षक-शिक्षकाएं उपस्थित थे। इन्हें मिला विशेष पुरस्कार: जिले के तीन माध्यमिक शिक्षक-शिक्षिकाओं को राज्य स्तर पर स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अपर सचिव सह निदेशक ने विशेष सम्मान से नवाजा है। इनमें सर जेसी बोस बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षक मुन्ना प्रसाद कुशवाहा, मकतपुर उवि के चंदन कुमार ¨सह एवं बालिका उवि पचंबा की प्रधानाध्यापिका शमा परवीन शामिल है। शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए इन्हें यह सम्मान दिया गया।


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