छात्र संघ चुनाव का शुरू हुआ विरोध
बिनोवा भावे विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव विश्वविद्यालय का छात्र संघ चुनाव कराने की तिथि का घोषणा किया है वहीं दूसरी ओर छात्रों में इस चीज को लेकर आक्रोश है.. कि आखिर में चुनाव लड़ेगा कौन और वोट डालेगा कौन लिगदो कमेटी के अनुसार जो छात्र फॉर्म फिलप कर चुके हैं जो छात्र परीक्षा दे चुके हैं वह चुनाव में भाग नहीं ले सकते हैं विश्वविद्यालय को मालूम होना चाहिए कि सेमेस्टर वन की परीक्षा 3 फरवरी से प्रारंभ है द्वितीय सेमेस्टर में छात्र नहीं है थर्ड सेमेस्टर का फॉर्म भरा रहा है फिफ्थ सेमेस्टर का एग्जाम हो चुका है 27 जनवरी से पीजी थर्ड सेम का एग्जाम है और 1
गिरिडीह : बिनोवा भावे विश्वविद्यालय से संबंद्ध कॉलेजों में छात्र संघ का चुनाव कराने के निर्णय का विरोध होने लगा है। छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय के इस निर्णय को छात्रहित में नहीं बताते हुए इसका विरोध शुरू कर दिया है। छात्रों में भी इसे लेकर आक्रोश है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश आयाम प्रमुख रोशन सिंह ने कहा कि कौन यह चुनाव लड़ेगा और कौन वोट डालेगा,यह समझ से परे है। लिगदो कमेटी के अनुसार जो छात्र फॉर्म भर चुके हैं और जो परीक्षा दे चुके हैं, वे चुनाव में भाग नहीं ले सकते हैं।
विश्वविद्यालय को मालूम होना चाहिए कि सेमेस्टर एक की परीक्षा 3 फरवरी से प्रारंभ है। द्वितीय सेमेस्टर में छात्र नहीं है, जबकि सेमेस्टर तीन का परीक्षा फॉर्म भरा रहा है। सेमेस्टर पांच की परीक्षा हो चुकी है। 27 जनवरी से पीजी थर्ड के सेमेस्टर तीन की परीक्षा होनी है। 18 जनवरी से पीजी सेमेस्टर एक का परीक्षा फॉर्म भरा जा रहा। ऐसे में विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की उम्मीद क्यों कर रहा है।
सरकार को खुश करने के लिए थोपा जा रहा चुनाव :
कहा कि विश्वविद्यालय सरकार के समक्ष अपनी पीठ थपथपाने के लिए छात्रों के ऊपर चुनाव थोप रहा है। अभी यह चुनाव कहीं से भी उचित नहीं है। पहले विश्वविद्यालय को यह साफ करना चाहिए कि कौन छात्र चुनाव लड़ेंगे और कौन वोट करेंगे। विश्वविद्यालय को यह भी मालूम होना चाहिए कि 30 जनवरी को मां सरस्वती की पूजा है। सभी छात्र धूमधाम से मां सरस्वती की पूजा करते हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन से पूछना चाहते हैं कि क्या वह सरस्वती पूजा के विरोध में खड़ा है। क्या वह नहीं चाहता है कि छात्र मां सरस्वती की पूजा करें। उस दिन छात्र सरस्वती पूजा करेंगे या नामांकन में व्यस्त रहेंगे। विश्वविद्यालय पहले यह तय करें कि चुनाव का कार्यकाल क्या होगा। छात्र संघ चुनाव में जीतने वाले प्रतिनिधियों का कार्यक्षेत्र क्या होगा और कितने दिन का कार्यकाल होगा।