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बालू उठाव से नदियों पर मंडरा रहा खतरा, घट रहा जल स्तर

सरिया जल मनुष्य के जीवन एवं इस संसार के सफल संचालन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। केंद्र व रा

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 05:46 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 05:46 PM (IST)
बालू उठाव से नदियों पर मंडरा रहा खतरा, घट रहा जल स्तर
बालू उठाव से नदियों पर मंडरा रहा खतरा, घट रहा जल स्तर

सरिया : जल मनुष्य के जीवन एवं इस संसार के सफल संचालन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। केंद्र व राज्य की सरकार भी जलसंरक्षण को लेकर कई योजनाएं चला रही हैं, लेकिन धरातल पर योजनाएं उतरते-उतरते भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है। राज्य सरकार वर्षा जल संरक्षण एवं भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए डोभा, कूप, तालाब, चेक डैम, टीसीबी निर्माण जैसी योजनाएं चला रही है, जो धरातल पर शत प्रतिशत नहीं उतर पाती हैं और दलाल बिचौलिए इसका लाभ उठा लेते हैं। फलस्वरूप किसान एवं आम लोगों को वर्षा के जल पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

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भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने में क्षेत्र की नदियों का भी अहम योगदान रहता है, लेकिन आम लोगों की उपेक्षा एवं लोगों के बीच जागरूकता की कमी के कारण क्षेत्र में लगातार भूमिगत जल का स्तर भी नीचे चला जा रहा है। स्थानीय लोग, जनप्रतिनिधि एवं संबंधित विभाग के अधिकारी मौन बैठे हुए हैं। कार्रवाई के नाम पर सेटिग गेटिग का खेल के तहत सरिया की बराकर नदी, खेडुवा नदी, बरसोती नदी से लगातार बालू का उत्खनन हो रहा है। बराकर नदी का बालू उच्च गुणवत्ता होने के कारण इसकी मांग झारखंड के अलावा दूसरे राज्यों में बहुत तेजी से बढ़ रही है। बाजार में डिमांड रहने के कारण दलाल बिचौलिए किस्म के लोग हावी हो गए हैं और बालू की तस्करी का खेल बदस्तूर जारी है।

इन घाटों से होता है बालू का उठाव :

बराकर नदी के राजदाह धाम घाट, मुख्य मार्ग स्थित बराकर घाट, उर्रो घाट, बागोडीह घाट, खेरोन घाट, पर्तमा घाट, कोयरिडीह घाट, पूर्णिडीह घाट, खेडुवा नदी से मन्द्रामो घाट, छोटकी सरिया घाट आदि घाटों से बेतहाशा बालू का उठाव होने के कारण नदियों का जल स्तर गर्मी की पहली दस्तक के साथ ही काफी नीचे चला गया है। ऐसे में अगर इसे रोका नहीं गया तो लोगों को भयंकर जलसंकट से जूझना पड़ेगा।

यह सारा खेल प्रशासन की नाक के नीचे होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण इस धंधे से जुड़े लोगों का मंसूबा दिन-प्रतिदिन बढ़ते चला जा रहा है। आम लोगों में यह चर्चा आम होने लगी है कि अधिकारियों की मिलीभगत से सरिया की नदियों का बालू का दोहन किया जा रहा है, अन्यथा बगैर मिलीभगत से सरिया के मुख्य मार्ग से होकर इतनी भारी मात्रा में बालू की ढुलाई होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होना लोगों के शक की सूई को और तेज कर रही है। अवैध बालू उठाव को लेकर कई बार ग्रामीणों ने आंदोलन व प्रदर्शन किया, लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात ही साबित हुआ।

मनुष्य के जीवन में जल का एक महत्वपूर्ण स्थान है। लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा चलाई जा रही है योजनाएं शत-प्रतिशत धरातल पर उतरे, इसके लिए आम लोगों में भी जागरूकता की आवश्यकता है।

अरुण कुमार, चंद्रमारणी

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हम लोगों को जल संरक्षण पर चितन करने की आवश्यकता है। अगर अभी से ही लोग जागरूक नहीं होते हैं तो वह दिन दूर नहीं जब लोगों को नहाने के लिए भी पानी खरीदना पड़ेगा। इसलिए वर्षा का जल कैसे सुरक्षित रहे इस पर सरकार को भी कई सकारात्मक योजनाएं बनाने की आवश्यकता है ।

जिम्मी चौरसिया, सरिया

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सरकार जल संरक्षण को लेकर कई योजनाएं चला रही है, लेकिन योजनाएं शत प्रतिशत धरातल पर उतरी कि नहीं इसकी निगरानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं हैं। इस कारण आम लोगों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है । प्राकृतिक जलाशयों के साथ छेड़छाड़ करने के कारण हम लोगों के इलाके का जल स्तर भी काफी नीचे जा रहा है। इस पर गहन चितन की आवश्यकता है।

अजय कुमार अनुज, चंद्रमारणी


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