हर चौक पर जाम हुआ आम, शहरवासी हलकान
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: शहर के हर चौक चौराहे पर जाम की समस्या नासूर बन गई है लेि
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: शहर के हर चौक चौराहे पर जाम की समस्या नासूर बन गई है लेकिन इस समस्या के समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं किया जाना आम से लेकर खास को हर रोज परेशान कर रहा है। जाम का आलम यह है कि सुबह हो या शाम-दिन हो या दोपहर कहीं न कहीं जाम में उन्हें फंसना ही पडता है। जाम को लेकर अक्सर चौक चौराहों पर वाहन चालकों व आम लोगों के बीच तू-तू मैं-मैं से लेकर मारपीट तक की नौबत आ जाती है। शहर के लिए इस ज्वलंत समस्या से निजात दिलाने को लेकर यातायात पुलिस भी कुछ नहीं कर पा रही है और वाहन जांच तक ही सिमट कर रह गई है।
चौक चौराहों पर वैसे तो कुछ पुलिस बलों को तैनात किया गया है लेकिन जाम के आगे वे भी बेबस नजर आते हैं और उसे हटाने में उन्हें पसीने उतर जाते हैं। हालांकि पुलिस इस समस्या से शहरवासियों को निजात दिलाने का तरकीब ढूंढ़ रही है लेकिन अब तक इसके समाधान का उपाय नहीं ढूंढ़ सकी है। ऐसे में जाम की समस्या शहर के चौक चौराहों के लिए आम बात हो गई है जिससे लोगों को हर रोज कहीं न कहीं से गुजरना पड़ता है। शहर के लोग इस समस्या से निजात पाने को लेकर जिला प्रशासन से आस लगाए बैठे हैं।
सबसे ज्यादा फजीहत स्कूली बच्चों को: जाम से सबसे ज्यादा फजीहत स्कूली बच्चों को उठानी पड़ती है। सुबह विद्यालय जाने के वक्त एवं विद्यालय से लौटते वक्त घंटों बच्चों को जाम में फंसे रहना पड़ता है और वे पसीने-पसीने होते रहते हैं। इस जाम में ड्यूटी जाने वाले सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में काम करनेवाले भी फंस समय पर ड्यूटी पर नहीं पहुंच पाते हैं।
मंत्री से संतरी तक जाम के शिकार: शहर में जाम की समस्या ने आम से लेकर खास तक को अपनी आगोश में ले रखा है। जाम का नजारा तब तो और भी भयावह हो जाता है जब चौराहों पर लगे जाम में मंत्री से लेकर संतरी तक का वाहन साइरन की आवाज के बाद भी फंसा रहता है। पुलिस जाम से हुक्मरानों को निकालने के लिए मशक्कत करती रहती है। जाम में आम नागरिकों के साथ अधिकारी व नेता भी फंसे रहते हैं फिर भी स्थाई तौर पर इससे निजात दिलाने की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा सका है।
जाम रोक रहा एंबुलेंस का रास्ता: जाम की समस्या से वैसे तो सब परेशान हैं। यह समस्या एंबुलेंस की रफ्तार को भी रोक देने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। शहर से गंभीर रूप से बीमार मरीजों को बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाए जा रहे एंबुलेंस को भी जाम में घंटों खड़ा रहना पडता है और काफी मशक्कत के बाद इससे वह निकल पाता है। ऐसे में जाम की समस्या बीमार मरीजों की जिन्दगी को लील जाने को काफी है।
इन चौराहों पर जाम बन गई रोज की नियती: शहर में पग-पग पर जाम का खतरा बना रहता है लेकिन कुछ प्रमुख चौराहों पर यह रोज की नियति बन गई है। इसमें नेताजी सुभाषचंद्र बोस चौक, सर जेसी बोस चौक, मधुबन वेजिस चौक, बरगंडा चौक, कार्मेल स्कूल चौक, आंबेडकर चौक, काली बाड़ी चौक, मौलाना आजाद चौक, नटराज से बस पड़ाव की ओर जानेवाले रास्ते में पड़ने वाला चौराहा, मकतपुर चौक, मौलाना आजाद चौक, गांधी चौक के अलावे अन्य चौक चौराहे शामिल हैं।