Move to Jagran APP

राजद नेता हत्याकांड के मुख्य आरोपित राजेश राय ने देवघर में किया सरेंडर

जागरण संवाददाता गिरिडीह राजद के जिला उपाध्यक्ष कैलाश यादव की हत्या के मुख्य आरोपित एवं

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 11:48 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 11:48 PM (IST)
राजद नेता हत्याकांड के मुख्य आरोपित राजेश राय ने देवघर में किया सरेंडर
राजद नेता हत्याकांड के मुख्य आरोपित राजेश राय ने देवघर में किया सरेंडर

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : राजद के जिला उपाध्यक्ष कैलाश यादव की हत्या के मुख्य आरोपित एवं बेंगाबाद के मोतीलेदा पंचायत के निलंबित मुखिया सुखदेव राय के बेटे राजेश राय ने गुरुवार को देवघर की अदालत में सरेंडर कर दिया। ट्रेन डकैती के एक मामले में देवघर में उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट था। उसी मामले में उसने सरेंडर किया है। गिरिडीह पुलिस से बचने के लिए उसने देवघर में सरेंडर किया है। सरेंडर करने के बाद उसे अदालत के आदेश पर देवघर जेल भेज दिया गया। इस तरह करीब तीन महीने में भी गिरिडीह पुलिस राजेश राय को गिरफ्तार नहीं कर सकी। राजद नेता हत्याकांड में गिरिडीह पुलिस अब राजेश राय को रिमांड पर लेने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।

loksabha election banner

कैलाश यादव हत्याकांड में राजेश राय के भाई मुकेश राय की गिरफ्तारी गिरिडीह पुलिस के लिए अभी भी चुनौती है।

राजद नेता हत्याकांड में पुलिस निलंबित मुखिया सुखदेव राय, उसके छोटे बेटे विक्की राय एवं विनोद राय को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

क्या है मामला

25 अगस्त की रात करीब साढ़े 10 बजे मोतीलेदा के निलंबित मुखिया व उसके बेटों के खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज कराकर राजद नेता कैलाश यादव एवं भाजपा नेता इंद्रलाल वर्मा अपने घर बेंगाबाद थाना क्षेत्र के मोतीलेदा लौट रहे थे। रास्ते में मोतीलेदा दलित टोला के पास लाठी-डंडा से लैस लोगों ने उन पर हमला कर दिया था। कैलाश यादव एवं इंद्रलाल वर्मा बुरी तरह से जख्मी हो गए थे। धनबाद ले जाने के क्रम में कैलाश वर्मा की रास्ते में ही मौत हो गई थी। इंद्रलाल वर्मा जख्मी हुए थे। इस मामले में मृतक के भाई छोटे लाल यादव के बयान पर बेंगाबाद थाने प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मुखिया सुखदेव राय के अलावा उसके तीनों बेटे राजेश राय, मुकेश राय, विक्की राय एवं जनार्दन राय व छोटू राय को नामजद आरोपित बनाया गया था।

------------ जागरण संवाददाता, गिरिडीह : कोरोना काल में आरोपितों के लिए पुलिस से बचकर अदालत में सरेंडर करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो गया है। विशेषकर हाई प्रोफाइल मामलों में तो यह और भी मुश्किल है। राजेश राय के देवघर में सरेंडर करने से यह बात एक बार फिर सही साबित हुआ है। सूत्रों के अनुसार राजेश राय समेत राजद नेता कैलाश यादव हत्याकांड के तीन आरोपित सरेंडर करने बुधवार को गिरिडीह पहुंचे थे। यहां उन्हें पता चला कि सरेंडर करने से पूर्व उन्हें कोरोना जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी। ऐसी स्थिति में पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। इसे देखते हुए तीनों ने गिरिडीह में सरेंडर करने का विचार बदल लिया। देवघर में यह व्यवस्था नहीं है। इस कारण देवघर में एक पुराने मामले में सरेंडर करने का निर्णय राजेश राय ने लिया।

कोरोना काल में गिरिडीह में नई व्यवस्था लागू हुई है। कोई भी आरोपित तभी सरेंडर कर सकता है, जब वह कोरोना संक्रमित नहीं हो। इसके लिए उसे सरेंडर के आवेदन के साथ-साथ कोरोना निगेटिव होने की रिपोर्ट भी सौंपना पड़ता है। आरोपित को खुद कोरोना जांच कराकर रिपोर्ट देना होता है। सामान्य तौर पर कोरोना जांच मेडिकल कॉलेज या सदर अस्पताल में होता है जो अदालत के आसपास ही होता है। इस कारण पुलिस जांच केंद्रों पर नजर रखती है। कोरोना काल की यह व्यवस्था अपराधियों पर भारी पड़ रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.