अब टिकैत परिवार की नहीं सार्वजनिक हो गई दुर्गा पूजा
संवाद सहयोगी राजधनवार (गिरिडीह) धनवार प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में शारदीय नवरात्र को ले
संवाद सहयोगी, राजधनवार (गिरिडीह): धनवार प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में शारदीय नवरात्र को लेकर वातावरण भक्तिमय हो गया है। इसी क्रम में प्रखंड के डोरंडा में दो स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां पहली पूजा की शुरुआत 18 वीं सदी में टिकैत परिवार के राजा दिलीप नारायण सिंह ने की थी जो कालांतर में आस्था व विश्वास का प्रतीक बन चुकी है। वर्तमान में यहां पूजा सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमेटी डोरंडा की ओर से की जा रही है। पूजा व्यवस्था को लेकर लोगों में सक्रियता बनी हुई है जिससे यह क्षेत्र भक्तिमय हो गया है। इस मंदिर में बलि प्रथा शुरू से चली आ रही है। इस मंदिर में आज भी टिकैत परिवार के लोग ही प्रथम बलि देते हैं। उसके बाद ही सार्वजनिक रूप से लोग बलि देते हैं। लोगों का कहना है कि मुगलों ने डोरंडा राज पर आक्रमण करने के लिए इसे चारों ओर से घेर लिया था। टिकैत बीरेंद्र नारायण सिंह ने गोरों के सैनिकों पर हमला किया जिससे इस क्षेत्र की सीमा में मुगलों का आक्रमण नहीं हो सका। वे सैनिक किसी तरह क्षेत्र छोड़कर भाग गए। जिस स्थान से मुगल सैनिकों को खदेड़ा गया था वह मुगलहीटांड़ के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में इस मंदिर का जीर्णोद्धार भव्य रूप से किया जा चुका है। पूजा के सफल आयोजन के लिए छत्रधारी महतो, मनोज राम, शिवनारायण सिंह, नित्यानंद पांडेय, पंकज पांडेय, नीलमणि राय, अर्जुन महतो, अजय अग्रवाल, मनोज पांडेय, सुखदेव राम, सरोज राम सहित कई लोग सक्रिय हैं।