स्वाब जांच का लक्ष्य नहीं हासिल कर सका स्वास्थ्य विभाग
गिरिडीह कोरोना संक्रमण की पहचान को लेकर स्वाब जांच के लक्ष्य को विभाग नहीं पूरा कर
गिरिडीह : कोरोना संक्रमण की पहचान को लेकर स्वाब जांच के लक्ष्य को विभाग नहीं पूरा कर पा रहा है। एक से नौ जनवरी के लिए निर्धारित लक्ष्य में विभाग आरटीपीसीआर में महज 26 फीसद जबकि एंटीजन में 21 प्रतिशत लक्ष्य को ही पा सका है। इसके बावजूद जिले में स्वाब जांच की प्रक्रिया की गति जोर नहीं पकड़ रही है। विभाग निर्धारित लक्ष्य को पाने में हांफ रहा है। कोरोना संक्रमण की पहचान को लेकर बस पड़ाव समेत सार्वजनिक स्थानों पर आवाजाही करने वालों की स्वाब जांच करने का निर्देश दिया गया था। इसके एवज में विभाग ने सात जनवरी से सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस के सहयोग से एंटीजन किट के माध्यम से यात्रियों, राहगीरों, आटो चालकों समेत अन्य की जांच प्रक्रिया प्रारंभ की, लेकिन दूसरे दिन ही अभियान की हवा निकल गई। इन सार्वजनिक स्थानों पर आठ जनवरी को भी स्वाब जांच के लिए टीम पहुंची, लेकिन जांच कराने के लिए लोग आने के बजाए वहां से निकल जाने लगे तो जांच टीम भी ज्यादा देर तक बस पड़ाव समेत अन्य स्थानों पर नहीं रुकी और जांच की प्रक्रिया को किसी तरह पूरा करते हुए लौट गई। इसके बाद से यह अभियान ठप पड़ गया। स्वाब जांच अभियान को लेकर कैंप की पड़ताल को लेकर जागरण ने बस पड़ाव, माल, स्टेशन व वैक्सीनेशन सेंटरों का भी मुआयना किया, लेकिन कहीं भी स्वाब जांच होते नहीं पाया गया।
- महज दो दिन हुई स्वाब जांच : जिले में कोरोना स्वाब जांच करने को लेकर डीसी ने विशेष जांच अभियान चलाने का निर्देश दे रखा है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सात जनवरी से महज दो दिनों तक ही बस पड़ाव समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर स्वास्थ्य कर्मियों की मदद से एंटीजन किट के माध्यम से स्वाब जांच की गई। यह अभियान महज दो दिनों तक चलाकर बंद कर दिया गया। इस अभियान के तहत बस पड़ाव, रेलवे स्टेशन, माल, बैंक, एलआइसी के अलावा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कैंप लगाकर रोज स्वाब जांच करने का निर्देश दिया गया है।
- वैक्सीनेशन सेंटर पर भी नहीं व्यवस्था : कोरोना संक्रमण की पहचान को लेकर वैक्सीनेशन सेंटर पर भी जांच करने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत वैक्सीनेशन सेंटरों पर भी दो दिनों तक एंटीजन किट के माध्यम से स्वाब जांच की गई, लेकिन दो दिनों के बाद वैक्सीनेशन सेंटरों पर भी यह जांच बंद कर दी गई।
एक से नौ जनवरी तक के लिए आरटीपीसीआर के माध्यम से 34650 लोगों के स्वाब जांच का लक्ष्य रखा था लेकिन विभाग इसके विरुद्ध महज 26 फीसद उपलब्धि हासिल करते हुए 6984 लोगों का ही स्वाब संग्रह कर जांच करा सका। यही हाल एंजीटन किट के माध्यम से जांच की स्थिति का रहा। विभाग इसके विरुद्ध महज 21 फीसद उपलब्धि हासिल करते हुए महज 14463 लोगों का ही स्वाब जांच कर सका। इन नौ दिनों में ट्रूनेट के माध्यम से महज 334 लोगों का स्वाब जांच की जा सकी।
- वर्जन : बस पड़ाव समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर स्वाब जांच कराने की व्यवस्था की गई थी। दो दिनों तक इसे चलाने के बाद लोगों का इसमें कोई सहयोग नहीं मिल रहा था। स्वास्थ्य कर्मी दिनभर बैठे रहते थे लेकिन लोग जांच कराने से कतराते थे। इस कारण फिलहाल सार्वजनिक स्थानों पर जांच की प्रक्रिया अवरुद्ध है।
डा. एसपी मिश्रा, सिविल सर्जन