मुस्कान हत्याकांड की सीबीआइ जांच के लिए मां ने लगाई गुहार
गिरिडीह गत पांच दिसंबर को इंटर की छात्रा मुस्कान कुमारी की हुई हत्या का पर्दाफाश पु
गिरिडीह : गत पांच दिसंबर को इंटर की छात्रा मुस्कान कुमारी की हुई हत्या का पर्दाफाश पुलिस अब तक नहीं कर सकी है। घटना के डेढ़ माह से अधिक बीत जाने के बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इससे पीड़ित परिवार का पुलिस पर से भरोसा उठने लगा है। मृतका की मां सियांटांड़ निवासी जयमाला देवी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। इस मामले की सीबीआइ जांच की मांग उन्होंने मुख्यमंत्री से की है।
पत्र में उन्होंने कहा है कि मुस्कान अपनी सहेलियों के साथ गिरिडीह में करीब डेढ़ माह से रहकर पढ़ाई कर रही थी। जिस कोचिग में वह पढ़ती थी उसके संचालक ने गांव के छात्रों को बहला-फुसलाकर गिरिडीह लाया था। कोचिग में पढ़नेवाले अधिकांश छात्र-छात्राएं गांव के ही थे। कोचिग का नाम विद्या गाइडेंस है। उसके संचालक पप्पू चौधरी उसी गांव का पारा शिक्षक है। वहीं दो शिक्षक रखकर कोचिग चला रहा था। पप्पू चौधरी कभी-कभी लड़कियों के कमरे में पढ़ाने के लिए जाता था। उसके बाद से मुस्कान अपनी सहेलियों के साथ रहना पसंद नहीं करने लगी। उसे एक छोटा मोबाइल दिया गया था। उस मोबाइल पर कृष्णा कुमार बार-बार कॉल करके उसे मानसिक प्रताड़ना देता था। वह घटना के कुछ दिन पहले से अधिक डरी-सहमी रह रही थी और कुछ बताने में असमर्थ होती थी। घटना के दस दिन पहले से वह अपने चाचा के यहां रहकर पढ़ाई करने लगी। उनके पति ने ग्रामीणों के साथ थाना प्रभारी, डीएसपी, एसपी एवं डीसी के यहां जाकर गुहार लगाई, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला।
आत्महत्या करार दे रही पुलिस :
मृतका की मां ने कहा है कि एसआइटी का गठन तो किया गया, लेकिन उन पर प्रशासन की ओर से दबाव देकर कहा जा रहा है कि मुस्कान ने आत्महत्या की है, जबकि यह गलत है। मुस्कान अपने घर से पांच-सात किमी. की दूरी पर स्थित पांडेयडीह मैग्जिनिया तालाब के पास पैदल उतने कम समय में कैसे पहुंच सकती है। वह गिरिडीह के लिए बिल्कुल अनजान थी। मुस्कान का शव पलाश के पेड़ में लटका हुआ था और उसका घुटना जमीन से सटा हुआ था।
एसआइटी पर भरोसा नहीं :
कहा है कि प्रशासन की ओर से गठित एसआइटी की जांच विपरीत दिशा की ओर जा रही है। इस जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है। उन्होंने सीबीआइ या फिर अन्य एजेंसी से इस हत्याकांड और हत्यारों का पता लगाने की मांग की है। प्रतिलिपि झारखंड सरकार के गृहमंत्री, पुलिस महानिदेशक, पुलिस अधीक्षक, विजिलेंस, उपायुक्त, ब्राह्माण महासंघ आदि को दी गई है।