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पैसे के अभाव में नहीं हो सका जया का इलाज

संवाद सहयोगी तिसरी तिसरी थाना के महज तीन किमी दूर सलगाडीह गांव में मिर्गी से ग्रसित 40 वषी

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 08:50 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 08:50 PM (IST)
पैसे के अभाव में नहीं हो सका जया का इलाज

संवाद सहयोगी, तिसरी : तिसरी थाना के महज तीन किमी दूर सलगाडीह गांव में मिर्गी से ग्रसित 40 वर्षीय जया मुर्मू की सोहराय पर्व का विरोध करने पर ग्रामीणों ने बंधक बनाकर जमकर पिटाई कर दी। उसे एक दिन और एक रात हाथ-पैर बांध कर गांव के एक घर में रखा गया। स्थिति खराब होने पर दूसरे दिन ग्रामीण उसे घर पहुंचा दिया। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने से परिवार के लोग उसका इलाज नहीं करा पाए। पिटाई से बुरी तरह घायल जया इलाज के अभाव में दर्द से तड़पते और कराहते रहे। अंतत: नौ दिन बाद गुरुवार रात उसने दम तोड़ दिया।

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बताया जाता है कि जया मुर्मू और उसके परिवार को सलगाडीह के आदिवासी समाज के लोगों ने बीते सितंबर माह में बहिष्कार कर दिया। उसे समाज से अलग कर दिया गया था। 11 जनवरी को गांव में धूमधाम से सोहराय पर्व मनाया जा रहा था। आदिवासी समाज के महिला-पुरुष व बच्चे नाचते-गाते गांव में घूम रहे थे। इसी क्रम में लोग नाचते-गाते जया की जमीन पर पहुंचे। जया ने इसका विरोध करते हुए कहा कि मेरी जमीन पर क्यों चढ़े हो। इस बात को लेकर विवाद बढ़ गया। लोग मारपीट करने पर उतारू हो गए। किसी तरह वह वहां से भाग गया। तिसरी की ओर जाते समय दोपहर को उसी दिन टांड़ में दर्जनों लोगों ने घेर कर लाठी-डंडे से उसकी पिटाई की। इसके बाद उसे बांध कर गांव के एक घर में रखे रहा। एक दिन बाद उसे जख्मी हालत में घर में पत्नी निर्मला मरांडी के सामने पहुंचा दिया। गरीबी के कारण इलाज नहीं करा पाने के कारण घर में ही उसकी मौत हो गई।

पुलिस पर उठे सवाल : थाना से महज तीन किमी. दूर भीड़ ने एक आदिवासी की बुरी तरह पिटाई कर दी और उसे 24 घंटे से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखा, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इससे पुलिस तंत्र की सक्रियता और उसकी कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है। यदि समय पर उसका इलाज होता तो शायद उसकी जान बच जाती।

इधर, एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो ने कहा कि सोहराय मनाने के क्रम में गांव में झगड़ा हुआ था। उसी क्रम में उसके साथ मारपीट की गई थी। इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी गई थी। पिटाई से घायल व्यक्ति को घर में ही रख गया था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। इसमें दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। भीड़ की हिंसा का मामला नहीं है।

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दोषियों पर कार्रवाई करे पुलिस :

पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि यह भीड़ की हिंसा का मामला है। गरीब और निहत्थे जया मुर्मू को बेरहमी से पीट-पीट कर जख्मी कर दिया गया। इससे उसकी मौत हो गई। इस मामले की पुलिस पड़ताल कर सभी दोषियों पर कार्रवाई करे। किसी ने उसका इलाज तक नहीं कराया। यदि इलाज कराया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। धनवार विधायक बाबूलाल मरांडी को घटना की जानकारी दी गई, लेकिन उन्होंने इसकी सुध नहीं ली।


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