गोदाम में नहीं जा रहा परियोजना का चावल
संवाद सहयोगी बिरनी (गिरिडीह) प्रखंड के गोदाम में नहीं जा रहा है परियोजना का चावल की
संवाद सहयोगी, बिरनी (गिरिडीह) : प्रखंड के गोदाम में नहीं जा रहा है परियोजना का चावल की खबर दैनिक जागरण में छह जनवरी को प्रकाशित होने के बाद पूर्व प्रमुख सीताराम सिंह ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने बाल विकास परियोजना पदाधिकारी माया रानी से मिलकर मांग की है कि सभी केंद्रों पर प्रखंड परियोजना के गोदाम से आंगनबाड़ी का चावल भेजा जाए।
कहा कि बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को बीडीओ ने उपायुक्त के आदेश पर प्रखंड कार्यालय के नीचे एक कमरा गोदाम के लिए आवंटित किया है। उसके बाद भी पदाधिकारी यहां से आंगनबाड़ी को चावल नहीं भेज रही हैं। यह चावल सीधे एफसीआइ गोदाम से अब भी केंद्रों में भेजा जा रहा है। इससे यह आशंका है कि परियोजना के चावल की वहां से हेराफेरी होती है। यदि प्रखंड कार्यालय के कमरे में गोदाम रहता तो चावल की हेराफेरी नहीं होती। इसलिए यहां गोदाम शुरू नहीं किया गया है। उपायुक्त के आदेश को तीन महीने बीतने को है। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से चावल किस माह में किस आंगनबाड़ी को कितना दिया गया है और अभी गोदाम में शेष चावल कितना पड़ा है इसकी लिस्ट मांगी गई है। पदाधिकारी ने लिस्ट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। कहा है कि अभी सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं। उसके बाद भी बच्चों के खाने की खिचड़ी के लिए चावल भेजा जा रहा है। इसकी जांच हो तो सेविका ही नहीं बल्कि परियोजना के पदाधिकारी और कर्मी कठघरे में आ जाएंगे।
इस दौरान भाकपा माले नेता रामू बैठा, रामविलास पासवान, मुंशी विश्वकर्मा, सीताराम पासवान आदि उपस्थित थे। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने बताया कि यहां से किसी तरह की चावल की हेराफेरी नहीं होती है। जो आरोप लगाया जा रहा है वह निराधार है।
बता दें कि उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने बीते वर्ष अक्टूबर माह में बीडीओ को प्रखंड कार्यालय के नीचे एक कमरा बाल विकास परियोजना कार्यालय के गोदाम के लिए देने का आदेश दिया था। बीडीओ सुनील कुमार वर्मा ने एक कमरा गोदाम के लिए परियोजना कार्यालय को आवंटित भी कर दिया था।