घाघरा पहुंची चिकित्सकों की टीम, पीड़ितों का लिया ब्लड सैंपल
जमुआ (गिरिडीह) : जमुआ के घाघरा निवासी सुधीर पंडित की पत्नी संजना देवी (35) की मौत शनि
जमुआ (गिरिडीह) : जमुआ के घाघरा निवासी सुधीर पंडित की पत्नी संजना देवी (35) की मौत शनिवार को अज्ञात बीमारी से होने और गांव के अन्य कई लोगों के इस बीमारी से आक्रांत होने के मामले को स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने गंभीरता से लिया है। रविवार को सिविल सर्जन डॉ. रामरेखा के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम उक्त गांव पहुंची। यहां इस बीमारी से ग्रसित करीब एक दर्जन लोगों के ब्लड का सैंपल जांच के लिए लिया गया। सिविल सर्जन ने बताया कि घाघरा गांव के करीब 10 लोगों में इस अज्ञात बीमारी के कमोबेश लक्षण मिले हैं। सभी के ब्लड का सैंपल लेकर उन्हें जरूरी दवाइयां दी गई है। ब्लड जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी स्थिति नियंत्रित है। उन्होंने कहा कि करीब तीन चार दिनों से इस बीमारी से लोग आक्रांत हैं। कोई पुरानी बीमारी यह नहीं है जिस कारण इसकी बारीकी से जांच करने की आवश्यकता है। कहा कि संभवत: दूषित खान पान के कारण लोग बीमार हो रहे हैं। गांव में मात्र एक चापाकल है। मृतका संजना देवी और उसका रिम्स में इलाजरत देवर उदय पंडित सहित उनके परिजन एक गंदे कुएं का पानी पी रहे थे। खानपान में शुद्धता नहीं रहने के कारण लोग बीमार हुए होंगे। मृतका संजना देवी और इलाजरत उदय पंडित में किडनी फेलियोर होने का लक्षण प्रारंभिक इलाज के दौरान डॉ. राजेश दूबे को मिला था। जिन लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया है उनकी किडनी से संबंधित सभी तरह की जांच कराई जाएगी। सोमवार तक सभी की ब्लड जांच रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद सही बीमारी के बारे में पता चल सकेगा। यहां यह बता दें कि मृतका रंजना देवी और उसका देवर उदय पंडित शुक्रवार को इस बीमारी से ग्रसित हुआ। दोनों को इलाज के लिए दूबे नर्सिग होम लाया गया। यहां से डॉ दूबे ने दोनों को बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया। रांची ले जाने के क्रम में रास्ते मे शनिवार को रंजना की मौत हो गई जबकि उसका देवर अभी रिम्स में इलाजरत है। चिकित्सकों ने ग्रामीणों को इस बीमारी के रोकथाम के लिए कई निर्देश दिया है। मच्छरदानी लगाकर सोने, साफ चापाकल का पानी पीने, खुले सामान का इस्तेमाल नहीं करने और खाली पैर पैदल नहीं चलने को कहा गया है। चिकित्सकों की टीम में डीआरसीएचओ डॉ.अशोक कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.बालमुकुंद राय एवं डॉ.राजेश कुमार दूबे शामिल थे।