माले नेता के पत्थर खदान में विस्फोट, दो मजदूर घायल
गिरिडीह जिले में खतरनाक हो चुके पत्थर खदानों में दुर्घटनाएं रुकने का नाम ही नहीं ले र
गिरिडीह : जिले में खतरनाक हो चुके पत्थर खदानों में दुर्घटनाएं रुकने का नाम ही नहीं ले रही हैं। परसन ओपी क्षेत्र के पूरनपतारी में स्थित पत्थर खदान में ब्लास्टिग के लिए ड्रिलिग करने के दौरान अचानक विस्फोट हो जाने से दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना गुरुवार देर शाम की बताई जा रही है। घायलों में पूरनपतारी निवासी 50 वर्षीय किशुन यादव और जमुआ के चरघरा निवासी 28 वर्षीय भुवनेश्वर प्रसाद यादव शामिल हैं। किशुन यादव की हालात चिताजनक बनी हुई है जिसका इलाज कोलकाता के किसी अस्पताल में चल रहा है। यह पत्थर खदान भाकपा माले के नेता का है।
जानकारी के अनुसार दोनों मजदूर प्रतिदिन की तरह गुरुवार को भी उक्त खदान में पत्थरों में ड्रिल करने का काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक पूर्व से ड्रिल किए गए पत्थर में पहले से विस्फोटक का अंश रहने के कारण ड्रिलिग के दौरान विस्फोट हो गया। ब्लास्टिग में उड़े पत्थरों के छींटे से दोनों मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद खदान संचालकों ने आनन-फानन में दोनों को धनवार के एक निजी क्लिीनिक में ले जाकर प्राथमिक इलाज कराया। वहां से इलाज के बाद चरघरा निवासी भुवनेश्वर को वापस घर भेज दिया गया जबकि उसके जीजा किशुन यादव को गंभीर हालात में अन्यत्र रेफर कर दिया गया। खदान वैध है या अवैध, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई थी। पूछने पर भी मजदूरों ने कुछ नहीं बताया और न ही घटना की सही जानकारी दी। घटना को अलग रूप देकर संचालक और पीड़ित परिवार के बीच समझौता भी करा दिया गया। इस कारण स्थानीय थाने को भी किसी ने इसकी सूचना नहीं दी। उक्त खदान के संचालक गांव के ही बाबूलाल महतो के साथ दो अन्य पार्टनर भी शामिल हैं। खदान की स्थिति काफी खतरनाक हो चुकी है। यहां खान सुरक्षा के मानकों के अनुसार बेंचिग व फेसिग का कार्य नहीं हुआ है। आने-जाने का रास्ता भी काफी खतरनाक है। खदान की गहराई भी करीब 200 से 300 फीट है। ऐसे में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर यहां खनन कार्य किया जाना पदाधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाता है।