तालिबान से रिहा मजदूर काली ने वीडियो कॉलिंग पर बहनोई से की बात, पत्नी व बेटा मिलने दिल्ली रवाना Giridih News
तालिबान के कब्जे से रिहा हुए काली महतो ने वीडियो कॉलिंग पर अपने बहनोई हीरालाल महतो से बात की। शनिवार को उसकी पत्नी पेमिया देवी व पुत्र चिंतामन महतो काली से मिलने दिल्ली रवाना हुए।
गिरिडीह, जेएनएन। अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते के बाद तीन भारतीय मजदूरों को रिहा किया गया। सभी शनिवार को सकुशल दिल्ली लौट गए। उनमें से एक हजारीबाग जिले के टाटीझरिया निवासी काली महतो हैं। काली महतो ने वीडियो कॉलिंग पर अपने बहनोई हीरालाल महतो से बात की।
इधर काली महतो की पत्नी पेमिया देवी एवं पुत्र चिंतामन महतो काली से मिलने शनिवार को दिल्ली रवाना हो गए। केईसी इंटरनेशनल कंपनी के स्थानीय एजेंट डेगलाल महतो मां-बेटे को लेकर दिल्ली गए हैं। यह जानकारी हीरालाल महतो ने दैनिक जागरण को दी है।
तीनों को अलग-अलग कमरे में रखा
गिरिडीह जिले के सरिया थाना क्षेत्र के चिचाकी निवासी हीरालाल महतो ने बताया कि काली महतो समेत मुक्त हुए तीनों मजदूरों को दिल्ली में अलग-अलग कमरे में रखा गया है। काली महतो ने बताया कि वे सकुशल हैं। जो और दो मजदूर रिहा हुए हैं संभवत: वे बिहार के मधेपुरा निवासी मंटू सिंह एवं केरल के कुमार कौशिक हैं।
तालिबान के कब्जे से रिहा हुए काली महतो की पत्नी पेमिया देवी एवं पुत्र चिंतामन महतो(फ़ाइल फ़ोटो)
सात भारतीय मजदूरों को किया था अगवा
विदित हो कि अफगानिस्तान के बघलान प्रांत में भारतीय कंपनी केईसी में कार्यरत सात भारतीय मजदूरों व एक अफगानी चालक को तालिबान ने 6 मई 2018 को अगवा कर लिया था। अमेरिका और तालिबान के बीच समझौता वार्ता के दौरान सबसे पहले गिरिडीह जिले के बगोदर निवासी प्रकाश महतो को 17 मार्च 2019 को रिहा कर दिया गया था। हालांकि, प्रकाश महतो अभी कहां हैं? इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है।