कुरैशी मोहल्ले में प्रतिबंधित मांस खरीदते जवान गिरफ्तार
नगर थाना से चंद कदम की दूरी पर स्थित शहर के कुरैशी मोहल्ले में गुरुवार की सुबह पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों की टीम ने छापेमारी की। इस छापेमारी की भनक लगते ही खरीदारी करने पहुंचे लोग अपनी बाइक को वहीं छोड़कर फरार हो गए। इसी क्रम
गिरिडीह : नगर थाना से चंद कदम की दूरी पर स्थित कुरैशी मोहल्ले में गुरुवार की सुबह पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों की टीम ने छापेमारी की। छापेमारी की भनक लगते ही खरीदारी करने पहुंचे लोग अपनी बाइक वहीं छोड़कर फरार हो गए। छापेमारी टीम ने मौके पर से झारखंड पुलिस के एक जवान को गिरफ्तार किया है जो हजारीबाग जिले में पदस्थापित है। वह जवान भी कुरैशी मोहल्ले में खरीदारी करने गया था, लेकिन छापेमारी के क्रम में भाग नहीं सका और पुलिस की गिरफ्त में आ गया। गिरफ्तार किए गए जवान से नगर थाना में पुलिस पूछताछ कर रही है।
छापेमारी में दर्जन भर से अधिक गोवंश तथा करीब सात क्विटल प्रतिबंधित मांस जब्त किया गया। मौके पर से 55 बाइक, चार साइकिल एवं एक गैस टंकी भी जब्त की गई। जब्त प्रतिबंधित मांस को छापेमारी टीम के आदेश पर दूर ले जाकर नष्ट कर दिया गया। कुरैशी मोहल्ले में गोवंश की हत्या कर प्रतिबंधित मांस को बेचे जाने व खरीदारी करने को लगी भीड़ की गुप्त सूचना जिला प्रशासन को मिली थी।
सूचना को गंभीरता से लेते हुए डीसी राहुल कुमार सिन्हा व एसपी सुरेन्द्र कुमार झा के संयुक्त निर्देश पर एसडीओ राजेश प्रजापति के नेतृत्व में एक टीम ने कुरैशी मोहल्ले में छापेमारी की। खरीदारी करने को लेकर सौ से अधिक लोग जुटे थे जो पुलिस पर नजर पड़ते ही मौके पर भाग निकले। बूचड़खाने को संचालित करनेवाले भी भागने में सफल रहे।
छापेमारी में डीएसपी विनोद कुमार रवानी, सीओ रवींद्र कुमार सिन्हा, बीडीओ गौतम कुमार भगत, इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी आदिकांत महतो, अवर निरीक्षक प्रदीप कुमार, सहायक अवर निरीक्षक राजीव कुमार सिंह के अलावा जिला बल, सैट व आइआरबी के जवान शामिल थे।
पैरवीकारों के आने लगे फोन : कुरैशी मोहल्ले में हुई छापेमारी के बाद बरामद बाइक को छुड़वाने को लेकर नगर थाने में पैरवीकारों की जमात लगने लगी। अपनी-अपनी बाइक छुड़ाने के लिए पहुंचवाले लोगों से भी थानेदार को फोन कराने का दौर चल पड़ा। जब्त बाइक थाना लाने के पहले ही पैरवीकार थाने के बाहर मंडराने लगे थे। कई सफेदपोश व वर्दीवालों ने भी इस मामले में पैरवी करते हुए थानेदार को फोन किया, लेकिन इन पैरवियों का थानेदार ने फिलहाल कोई रिस्पांस नहीं लिया।