दो बेटा गंवाने वाली मां बाबूलाल-अन्नपूर्णा से लगा रही न्याय की गुहार
गिरिडीह तिसरी प्रखंड का यह पंदनाटांड़ गांव है। इस गांव में मुरारीलाल बरनवाल का आवास
गिरिडीह : तिसरी प्रखंड का यह पंदनाटांड़ गांव है। इस गांव में मुरारीलाल बरनवाल का आवास है। पिछले तीन महीने से मुरारीलाल के आवास पर मातम पसरा है। कारण, मुरारीलाल के दो जवान बेटे 32 वर्षीय चंदन बरनवाल व 25 वर्षीय अंशु बरनवाल की हत्या कर दी गई है। इसी मातम और सन्नाटे के बीच मुरारीलाल की पत्नी अनिता देवी मिलती हैं। मीडिया को देखते ही बिलख पड़ती हैं। कहती हैं कि दोनों बेटों के नरकंकाल मिले दो माह हो गए लेकिन, आज तक हत्यारे पीर बाबा उर्फ प्रभाकर मंडल व देवा रविदास को बिहार पुलिस पकड़ नहीं सकी। अब तो मेरे तीसरे बेटे को भी धमकी दी जा रही है। कोई नहीं देखने वाला है। मेरे परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए कोई भी कुछ नहीं कर रहा है।
अनिता देवी ने कहा कि अपने यहां के बाबूलाल मरांडी बहुत बड़े नेता हैं। अपनी सांसद अन्नपूर्णा देवी केंद्र सरकार की मंत्री हैं। बाबूलाल मेरे घर भी आए थे। मेरे बेटों की हत्या बिहार के जमुई जिले में हुई थी, वहां इनकी पार्टी की गठबंधन की सरकार है। इसके बावजूद पीर बाबा व देवा रविदास को पुलिस पकड़ नहीं रही है। अन्नपूर्णा व बाबूलाल बिहार सरकार पर दबाव बनाएंगे तो दोनों हत्यारे पकड़े जाएंगे। जब तक दोनों हत्यारों को पुलिस गिरफ्तार कर फांसी नहीं दिलाएगी, मेरे बेटों की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। अनिता देवी ने बताया कि गुड़गांव से 11 जुलाई को पीर बाबा को पकड़कर तिसरी थाना पुलिस लेकर आई थी। 14 जुलाई को तिसरी थाना पुलिस ने उसे रिहा कर दिया। इसके बाद उसने मेरे दोनों बेटों की हत्या कर दी। पुलिस ने यदि उसे नहीं छोड़ा होता तो शायद मेरे बेटे बच जाते। अपनी बहू प्रिया चंदन बरनवाल व उसके तीन साल के बेटे दिव्यांग की भविष्य की चिता उसे सता रही है। इधर अनिता के मंझले बेटे कुंदन बरनवाल ने बताया कि संकट की इस घड़ी में पूर्व विधायक राजकुमार यादव एवं उनके कार्यकर्ताओं का पूरा सहयोग मिला है।
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यह है मामला : अंशु बरनवाल एवं चंदन बरनवाल 22 जून को बाइक से अपने घर तिसरी से राजधनवार के डोरंडा के लिए निकले थे। इसके बाद से दोनों का कुछ भी अता-पता नहीं चला था। पिता मुरारी बरनवाल ने तिसरी थाना में दोनों बेटों की गुमशुदगी का सनहा दर्ज कराया था। 23 जून को एक अनजान नंबर से उनके मोबाइल पर फोन आया। बताया कि खैरा के गरही डैम के पास एक पर्स मिला है। यह पर्स उनके बेटे का है। बाद में 21 जुलाई को खैरा थाना के मेनवा जंगल में दोनों भाइयों का नरकंकाल व बाइक मिली।
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पीर बाबा समेत चार के खिलाफ प्राथमिकी : अंशु व चंदन का नरकंकाल बरामद होने के बाद उनके भाई कुंदन कुमार बरनवाल ने खैरा थाना में 22 जुलाई को प्रभाकर मंडल उर्फ पीर बाबा, उसके भाई दिवाकर मंडल, दया रविदास उर्फ देवा रविदास व कारू मियां के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। खैरा थाना पुलिस ने दिवाकर मंडल व कारू मियां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। प्राथमिकी में बताया कि पीर बाबा ने दोनों भाइयों को पैसा डबल करने का लालच देकर उनसे करीब 40 से 50 लाख रुपये ठगे थे। दोनों भाइयों ने जब पैसे वापस देने के लिए दबाव बनाया तो उन्हें पैसे देने की बात बोलकर साजिशपूर्वक खैरा बुलाया और फिर दोनों की हत्या कर दी थी।