छात्रा को अगवा कर दुष्कर्म करने वाले को 10 साल सश्रम कारावास Giridih News
imprisonment in kidnapping Case. छात्रा को अगवा कर दुष्कर्म करने वाले को कोर्ट ने 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
जागरण संवाददाता, गिरिडीह। निमियाघाट थाना क्षेत्र की एक नाबालिग छात्रा को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले राजू तुरी को जिला जज प्रथम सह पोक्सो के विशेष न्यायाधीश रामबाबू गुप्ता की अदालत ने सोमवार को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, 17 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। अपहरण व दुष्कर्म में दस-दस साल तथा पॉक्सो की धारा में पांच साल सजा सुनाई है। सभी सजा साथ-साथ चलेगी।
राजू तुरी को अदालत 11 जून को ही दोषी करार दे चुकी है। दोषी करार देने के साथ ही उसे न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया था। सोमवार को सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए उसे जेल से अदालत लाया गया था। बचाव पक्ष ने जहां उसे कम से कम सजा देने की अपील की, वहीँ अभियोजन पक्ष ने कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया। फैसला सुनाने के बाद उसे वापस जेल भेज दिया गया
पीड़िता के पिता ने निमियाघाट थाना में आवेदन देकर कहा था कि उसकी नबालिग पुत्री जो इंटर की छात्रा थी 27 नवंबर, 2017 की सुबह घर से इंटर कॉलेज के लिए निकली थी। शाम पांच बजे तक वापस नही लौटने पर खोजबीन करने लगे। पता चला कि स्टेशन रोड निमियाघाट के पास का राजू तुरी उसे बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया है। बाद में पीड़िता को बरामद कर न्यायालय में बयान कराया गया था। पीड़िता ने स्वेच्छा से राजू के साथ जाने औऱ प्रेम प्रसंग की बात न्यायालय को बताई थी।
वहीं, बाद में न्यायालय में अपनी गवाही में पीड़िता ने अपहरण करने और ट्रेन से मुंबई ले जाकर रखने और दुष्कर्म करने की बात कही थी। इसके बावजूद पीड़िता ने न्यायालय के हाजत में बंद आरोपित राजू को नहीं पहचानी थी। इस मामले में अभियोजन के तरफ से एपीपी अजय साहू ने आठ गवाहों के परीक्षण कराया व बहस की। बचाव पक्ष से अधिवक्ता महेंद्र देव ने बहस की थी।
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