शहर में सादगी के साथ होगी मां काली की पूजा
अविनाश प्रसाद गिरिडीह जिले में कई स्थानों पर धूमधाम से मां काली की पूजा की तैयारी चल रही
अविनाश प्रसाद, गिरिडीह: जिले में कई स्थानों पर धूमधाम से मां काली की पूजा की तैयारी चल रही है। इसमें कई जगहों पर उनकी प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा की जाती है, तो दो जगहों पर स्थायी रूप से स्थापित प्रतिमा के समक्ष ही पूजा होती है। शहर के मकतपुर में बांग्ला स्कूल के प्रांगण, न्यू बरगंडा शारदेश्वरी आश्रम के निकट, सार्वजनिक दुर्गा पूजा स्थल पचंबा, गार्डेना गली बभनटोली एवं श्मशान घाट बरमसिया में मां की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। श्मशान घाट को छोड़कर लगभग सभी स्थानों पर इसके लिए पंडाल भी बनाया जाता है। इस बार कोविड-19 के कारण पंडाल सिर्फ नाम का ही बनाया जाएगा और प्रतिमा का आकार भी इस बार छोटा ही रहेगा। गार्डेना गली बभनटोली में वर्ष 1984 से ही काली मां की पूजा होती आ रही है। यहां का सिस्टम पूजा करने का अलग है। यहां उस गली और आसपास के लोगों से ही सहयोग लिया जाता है। यहां की कमेटी में दीपक यादव अध्यक्ष, नारायण धर सचिव, दिलीप भट्टाचार्य कोषाध्यक्ष, संतोष कुमार सिन्हा संयुक्त सचिव के अलावा विनय चौधरी, पंचम सिन्हा, आशुतोष श्रीवास्तव बाबू, अक्षय कुमार, पिटू, लड्डू सिन्हा सहित कई सदस्य शामिल हैं, जो पूजा में अपना सहयोग प्रदान करते हैं। मकतपुर स्थित बंगला स्कूल में पूजा का आयोजन लगभग 25-30 वर्षो से किया जा रहा है, जहां प्रतिमा की स्थापना कर पूजा के अलावा भंडारा का भी आयोजन किया जाता है। इस बार भंडारा का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसके लिए कमेटी के पाल बाबू, संदीप चटर्जी, देवव्रत चटर्जी, बैद्यनाथ पाल, अरिदम घोष, विश्वजीत घोष, राजू दास, पिटू मुखर्जी सहित कई लोग लगे हुए हैं।
शारदेश्वरीआश्रम न्यू बरगंडा के निकट रूद्रप्रिया नवयुवक संघ समिति की ओर से वर्ष 1970 से ही मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जा रही है। अभी यहां की कमेटी में पूंजी राम मामू, सुनील चंद्रवंशी छोटन, पुलकेश राम मांझी, मनीष राम मंतोष, सुमीत डे, भोला राम, राहुल राम आदि शामिल हैं जो पूजा की तैयारियों में लगे हैं।
पचंबा सार्वजनिक दुर्गा पूजा में मां काली की पूजा लगभग 50 वर्षो से होती आ रही है। यहां भी इस बार सादे समारोह में पूजा मनाई जाएगी। यहां की कमेटी में अभी गौरी शंकर भदानी व अरूण केशरी संरक्षक, अनिल राम अध्यक्ष, दीपक साह सचिव, पवन कंधवे मेला प्रभारी हैं। इसी प्रकार श्मशान घाट में भी मां का मंदिर है जहां उनकी पूजा अर्चना स्थानीय लोग ही करते हैं।