वन विभाग ने ट्रैंच काटकर रास्ते को किया अवरूद्ध
तिसरी (गिरिडीह)-सरकार गांवों तक आवागमन का मार्ग बनाने के लिए सड़कें बना रही है। सड़
तिसरी (गिरिडीह):-सरकार गांवों तक आवागमन का मार्ग बनाने के लिए सड़कें बना रही है। सड़क का निर्माण करनेवाले ठेकेदार विभाग से एनओसी लेकर गांवों को जोड़ रहा है, लेकिन तिसरी प्रखंड के महुआटांड़, तेतरिया आदि गांवों को जोड़नेवाली व मुख्य सड़क जो अंग्रेज जमाने से कच्चा है उस रास्ते में कई जगह पर वन विभाग की ओर से ट्रेंच काटकर रास्ते को अवरुद्ध कर दिया गया है। इससे कई गांव के ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। वर्षो पुराने रास्ते में ट्रेंच काट देने से अब लोग बगल के खेत व टांड़ में से होकर जा रहे हैं। इससे दोपहिया वाहन गांव तक जा तो रहा है पर चारपहिया व उससे अधिक पहियावाले वाहनों का आवागमन इस रास्ते से बंद हो गया है। वन विभाग के इस तरह के कार्य से ग्रामीण काफी दुखी हैं।
महुआटांड़, तेतरिया, ककनी, पालमो, भुराई, चंदौरी, तिसरी आदि कई गांवों को जोड़नेवाली मुख्य सड़क को वन विभाग ने जेसीबी से कुछ दिनों पहले काटकर आवागमन का साधन बंद कर दिया। विभाग के अनुसार उक्त रास्ता वनभूमि पर है जिस कारण रास्ता सहित कई एकड़ जमीन पर वन विभाग ने अपना कब्जा जमा लिया है। इससे दर्जनभर गांवों के लोग प्रभावित हो गए हैं। लोगों को तिसरी मुख्यालय की दूरी दो गुनी अधिक हो गई है। अब लोगों को ककनीसिघो होकर तिसरी मुख्यालय जाना पड़ रहा है। ग्रामीण राजू यादव ने कहा कि वर्षो पुरानी सड़क पर वन विभाग ने ट्रेंच काटकर रास्ता बंद कर दिया है जो सरासर गलत है। देवानजोत गांव के मनोज राय ने कहा कि महुआटांड़ में उसकी बहन की ससुराल है व कई अन्य रिश्तेदार भी वहां हैं। अक्सर वहां उसका आना जाना लगा रहता है। अब नाला व खेत होकर वे वहां जाते हैं, जिससे काफी मुश्किल हो गई है।
महुआटांड़ व इससे सटे गांव तक जाने का सबसे बढि़या व आसान रास्ता कई गांवों के लिए है। इस रास्ते में मनरेगा योजना से सड़क निर्माण कर उसे चलने लायक बनाया गया जिसके बाद उक्त सड़क से दोपहिया के अलावे चारपहिया गाड़ी चलने लगी थी। ग्रामीणों ने बताया कि ककनीसिघो का रास्ता दूर रहने के साथ काफी खराब भी है। वन विभाग की अवरुद्ध की गई मुख्य सड़क उनलोगों के लिए आरामदायक थी।
फोरेस्टर जयप्रकाश महतो ने कहा कि रास्ता वनभूमि के अंतर्गत था जिस कारण उस पर ट्रेंच काट दिया गया है।