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पुलिस पर पथराव मामले में दोनों ओर से प्राथमिकी दर्ज

शुक्रवार को जमुआ के नवडीहा ओपी अंतर्गत गम्हारडीह गांव में निषेधाज्ञा लगे होने के बावजूद सरकारी जमीन पर बनाये जा रहे मंदिर कार्य को रोकने गए पदाधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर ग्रामीणों द्वारा किये गए पथराव को लेकर अंचलअधिकारी रामबालक कुमार ने जमुआ थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है।उन्होंने गांव के प्रवीण राणा इंद्रदेव मोदी राजेन्द्र कुमार अमित मोदी सहित 37 लोगों को नामजद एवं 50 से 60 अज्ञात महिला-पुरुष को आरोपी बनाया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 07:55 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 07:55 PM (IST)
पुलिस पर पथराव मामले में दोनों ओर से प्राथमिकी दर्ज
पुलिस पर पथराव मामले में दोनों ओर से प्राथमिकी दर्ज

जमुआ/सियांटांड़ (गिरिडीह) : नवडीहा ओपी के गम्हारडीह में निषेधाज्ञा लगे होने के बावजूद सरकारी जमीन पर किए जा रहे मंदिर निर्माण कार्य को रोकने गए पदाधिकारियों व पुलिस कर्मियों पर हुए पथराव के मामले में दोनों ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सीओ रामबालक कुमार ने जमुआ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है, जबकि ग्रामीणों की ओर से एक महिला ने ऑनलाइन मामला दर्ज कराया है।

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सीओ ने गांव के 37 लोगों को नामजद एवं 50-60 अज्ञात महिला-पुरुषों को आरोपित किया है। कहा है कि 27 जुलाई को उन्हें गुप्त सूचना मिली कि गम्हारडीह में कुछ ग्रामीण सरकारी गैरमजरुआ जमीन पर कब्जा करने की नीयत से अवैध रूप से नए मंदिर का निर्माण करने जा रहे हैं। इससे गांव में तनाव उत्पन्न हो गया है। विधि व्यवस्था की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। इसके सत्यापन के लिए वह पुलिस कर्मियों के साथ गम्हारडीह उक्त जमीन पर पहुंचे। वहां देखा कि मंदिर निर्माण के लिए बांस के बल्ले से घेरा बनाकर बुनियाद की खुदाई की जा रही है। ग्रामीणों से सरकारी जमीन पर निर्माण नहीं करने को कहा। 28 जुलाई को एसडीपीओ के अलावा अन्य लोगों ने फिर से ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनसे बातचीत की। 29 जुलाई को उन्होंने उक्त जमीन की मापी कराई। विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न हो, इसके लिए 144 की नोटिस का तामिला भी कराया गया।

31 जुलाई को गांव के बबलू राणा ने आवेदन दिया कि उक्त जमीन पर अवैध तरीके से जबरन मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इसकी सूचना उन्होंने दूरभाष पर वरीय पदाधिकारियों को दी। इस पर उनसे विधिसम्मत कार्रवाई करने को कहा गया। वह पुलिस इंस्पेक्टर विनय राम, जमुआ थाना प्रभारी संतोष कुमार, पुलिस पदाधिकारी मनीष कुमार गुप्ता, मनीता कुमारी सहित पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे। वहां ग्रामीणों ने गाली गलौज कर सरकारी कार्य में बाधा डालते हुए प्रशासनिक अधिकारियों तथा पुलिस बल को आक्रांत एवं क्षति करने के उद्देश्य से लाठी-डंडा, ईट पत्थर से हमला कर दिया। इसमें छह सरकारी वाहनों के शीशे टूटे एवं कई को चोटें आई। खुद उनकी पीठ में भी चोट लगी। नामजद ग्रामीणों तथा 50-60 अज्ञात महिला-पुरुष नाजायज मजमा बनाकर हरवे हथियार से लैस होकर धारा 144 का उल्लंघन कर यह जानते हुए कि लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने से कोरोना महामारी का संक्रमण फैल सकता है, एक सोची समझी साजिश के तहत गैरकानूनी तरीके से सरकारी भूमि पर अवैध रूप से नया मंदिर का निर्माण कर रहे थे। मना करने पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाते हुए पथराव करने लगे। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।

इन्हें किया गया नामजद : सीओ द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में प्रवीण राणा, कैलाश मोदी, इंद्रदेव मोदी, राजेन्द्र कुमार, अजीत कुमार शर्मा, नीतीश मोदी, गोविद राणा, सुनील मोदी, शंकर मोदी, गाजो राणा, अमित मोदी, प्रमोद मोदी, सन्नी मोदी, रमन मोदी, सुमन मोदी, मंटू मोदी, दीपक मोदी, गोलू मोदी, सिटू मोदी, गणेश मोदी, रघुवीर मोदी, विजय मोदी, बॉबी मोदी, संजय मोदी, कपिल मोदी, दीपक मोदी, दुखन राणा, रमेश अग्रवाल, राजेन्द्र मोदी, विकास अग्रवाल, लालू मोदी, नरेश राणा, भुनेश्वर राणा, दुखन मोदी, रवीन्द्र मोदी, विपिन राणा और अनिल राणा को नामजद किया गया है।

ग्रामीणों ने ऑनलाइन दर्ज कराई प्राथमिकी

सियाटांड़ : गम्हारडीह में शिवमंदिर के निर्माण कार्य को रोकने के दौरान पुलिस और ग्रामीणों के टकराव में घायल इंदु देवी ने ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई है। उसने कहा है कि वह अपने घर पर थी। निर्माणाधीन शिवमंदिर में हो हल्ला सुनकर अन्य महिलाओं के साथ वह स्थल पर पहुंची, तो देखा कि जमुआ सीओ रामबालक कुमार पुलिस बल के साथ जेसीबी मशीन से लगभग 10 वर्ष पुराने निर्माणाधीन स्थल पर शंकर व पार्वती के गर्भगृह में लगी ईट व दीवार को तोड़कर जमींदोज कर रहे हैं। मंदिर को तोड़ने से गांववाले मना कर रहे थे। महिला समिति की महिलाओं ने भी इसका विरोध किया, क्योंकि सीओ ने मंदिर तोड़ने से संबंधित कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया था। मना करने पर सीओ के निर्देश पर साथ में आए पुलिस के जवानों ने लाठी से उन पर हमला कर दिया। पुलिस जवान महिलाओं को भी खदेड़कर मारने लगे। सीओ के निर्देश पर उसके सिर पर मारा गया, जिससे सिर फट गया और रक्त बहने लगा। उसके साथ अन्य महिलाओं को खदेड़कर मारा गया। इससे सुनीता देवी, पिकी देवी, आरती देवी, मौसम कुमारी, काजल कुमारी, काजल दास सहित दर्जनों महिलाओं को गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार भी किया। एक सप्ताह पहले से ही निर्माण कार्य बंद था। घटना के दिन कोई भी निर्माण कार्य नहीं चल रहा था। प्रशासन ने निर्माण कार्य से संबंधित कुदाल, गैंता, कड़ाही आदि कोई सामान वहां से बरामद नहीं किया है। एक वर्ष पूर्व जमुआ कार्यालय से जारी पत्र मुख्य मंत्री जनसंवाद केंद्र गिरिडीह को जारी पत्र में कहा गया है कि उक्त स्थान में 4.52 एकड़ सर्वे खतियान में जमीन अतिक्रमण भूमि वन सीमा से बाहर है। केवल कुरहोबिदो के मुखिया जमीन हड़पने में लगे हैं। मनमाने ढंग से दुकान, ऑफिस आदि बनाकर जमीन पर पहले दखल कर चुके हैं। साथ ही शेष मंदिरवाली भूमि के ऊपर गिद्ध दृष्टि डाले हुए हैं। बीच-बचाव करने पहुंचे समाजसेवी प्रवीण कुमार के साथ भी मारपीट की गई व मोबाइल को तोड़ दिया गया। ग्रामीणों ने कहा कि वे लोग जमुआ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचे तो वहां आवेदन नहीं लिया गया। इस कारण ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करानी पड़ी।


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