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दुकान-चौराहों पर बैठने लगी चुनावी चौपाल

विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। हर कोई चुनावी रंग में रंगने लगा है। सभी जगह चुनावी चौपाल भी सजने लगी है। चाय की दुकान से लेकर चौक-चौराहों सहित अन्य स्थानों पर चुनावी चर्चा ही सुनने को मिल रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 10:00 AM (IST)
दुकान-चौराहों पर बैठने लगी चुनावी चौपाल
दुकान-चौराहों पर बैठने लगी चुनावी चौपाल

तिसरी (गिरिडीह) : विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। हर कोई चुनावी रंग में रंगने लगा है। सभी जगह चुनावी चौपाल भी सजने लगी है। चाय की दुकान से लेकर चौक-चौराहों सहित अन्य स्थानों पर चुनावी चर्चा ही सुनने को मिल रही है। एक जगह दो-चार लोग जमा हुए नहीं कि शुरू हो जाती है चुनावी चर्चा। शनिवार को तिसरी ब्लॉक मोड़ के पास स्थित यादव होटल में चाय पीने के इंतजार में सभी दल के नेता कुर्सी पर बैठ कर विधानसभा चुनाव को लेकर आपस मे गप्पें मार रहे थे। जेएमएम के प्रखंड अध्यक्ष नारायण यादव कह रहे थे कि भाजपा ने तो दूसरी बार पूर्व आइजी लक्ष्मण प्रसाद सिंह को टिकट देकर भरोसा जताया है। अब जेवीएम यहां से किसे उतारता है या खुद बाबूलाल मरांडी खड़ा होते हैं, यह अभी तक साफ नहीं हुआ है।

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इस बीच भाजपा के लालू यादव कहते हैं कि भाजपा में पूर्व आइजी ने बहुत मेहनत की है। टिकट तो इन्हीं को मिलना था। झामुमो ने भी राजधनवार से अपने प्रत्याशी का नाम सार्वजनिक नहीं किया है। डॉ. रवीन्द्र राय भी टिकट लेने की फिराक में थे लेकिन उन्हें नहीं मिला। इसी बीच माले के ब्रह्मदेव राम टपक पड़ते हैं। कहते हैं कि सुन रहे हैं भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर वे झाविमो से टिकट लेने के लिए जोर लगाए हुए हैं। लोकसभा में भी राय को टिकट नहीं मिला था। भाजपा ने इस बार भी कई बड़े नेताओं को टिकट नहीं दिया है। बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि भाजपा से मायूस किसी नेता को झाविमो से टिकट नहीं मिलेगा। झामुमो के नारायण यादव कहते हैं कि निजामुद्दीन अंसारी को जेएमएम से टिकट मिलेगा। कांग्रेस नेता रामेश्वर चौधरी इसका समर्थन करते हुए कहते हैं कि माले विधायक राजकुमार यादव दो दिन में नामांकन कराएंगे, लेकिन अभी तक झामुमो व जेवीएम ने अपना पत्ता नहीं खोला है। जब तक दोनों पाíटयों के प्रत्याशी का नाम नहीं आ जाता है, तब तक संशय की स्थिति बनी रहेगी। बाबूलाल मरांडी राजधनवार छोड़ कहीं गिरिडीह से लड़ने का मूड तो नहीं बना रहे हैं।


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