मंत्री के क्षेत्र बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था
दिलीप सिन्हा गिरिडीह कोरोना संक्रमण ने चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल दी है। सरकार ने जगह
दिलीप सिन्हा, गिरिडीह : कोरोना संक्रमण ने चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल दी है। सरकार ने जगह-जगह करोड़ों रुपये खर्च कर अस्पताल भवन तो बना दिए लेकिन, इन भवनों के लिए डॉक्टर व पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति नहीं की। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का क्षेत्र डुमरी भी इस समस्या से अछूता नहीं है। रेफरल अस्पताल डुमरी में डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों का टोटा है। डुमरी विधानसभा क्षेत्र झामुमो का गढ़ है। जगरनाथ महतो लगातार चार बार से यहां के विधायक हैं। इसके पूर्व उनके राजनीतिक गुरू शिवा महतो ने भी विधानसभा में यहां का चार बार प्रतिनिधित्व किया है। दोनों को मिलाकर आठ बार झामुमो ने इस सीट पर कब्जा किया है। इसके बावजूद चिकित्सा सुविधा के मामले में डुमरी की हालत दूसरे क्षेत्रों से अलग नहीं है। मंत्री का क्षेत्र होने का कोई अलग से फायदा यहां के लोगों को चिकित्सा के क्षेत्र में नहीं मिला है।
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25 अस्पताल, आधा दर्जन डॉक्टर :
डुमरी प्रखंड में सरकारी अस्पतालों का एक बड़ा नेटवर्क है लेकिन, इन अस्पतालों के संचालन के लिए न तो डॉक्टर हैं और न ही चिकित्साकर्मी। स्वास्थ्य उप केंद्रों को शामिल कर दें तो डुमरी प्रखंड में कुल 25 अस्पताल हैं जबकि, डॉक्टर मात्र आधा दर्जन। इस कारण अधिकांश अस्पतालों में डॉक्टर का कभी दर्शन नहीं होता है। डुमरी प्रखंड में एक रेफरल अस्पताल, दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भंडारो व निमियाघाट, छह वेलनेस सेंटर एवं 16 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं। इतने अस्पतालों को चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने यहां आधा दर्जन डॉक्टर भी नहीं दिए हैं। सिर्फ डुमरी रेफरल अस्पताल के लिए कम से कम सात डॉक्टर का पद स्वीकृत है जबकि, यहां मात्र चार डॉक्टर पदस्थापित हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उसमें से भी एक डॉ. अशोक कुमार को विभाग ने पिछले एक साल से सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त कर दिया है। अति नक्सल प्रभावित भंडोरो में डॉ. बबली जया मुर्मू पदस्थापित हैं। डॉ बबली की सेवा भंडारो के साथ-साथ निमियाघाट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लेना है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने सप्ताह में तीन दिन डॉ बबली को मातृ शिशु कल्याण केंद्र चैताडीह में ड्यूटी दे दिया है। स्कूल हेल्थ प्रोग्राम में पदस्थापित दो आयुष डॉक्टर मंसूर आलम एवं राउत कुमार की सेवा रेफरल अस्पताल में लिया जा रहा है।
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डॉक्टर के गायब होने से ठप है ऑपरेशन, फास्ट रेफरल यूनिट की मान्यता को खतरा :
डुमरी रेफरल अस्पताल को फास्ट रेफरल यूनिट का दर्जा प्राप्त है। इस कारण, यहां जच्चा-बच्चा के इलाज के लिए विशेष प्रबंध होना है। जच्चा-बच्चा को चिह्नित कर उनका आपरेशन एवं इलाज यहां होना है। रेफरल अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने के कारण बगोदर में पदस्थापित स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. संध्या तिवारी को यहां सप्ताह में तीन दिन ड्यूटी करने का निर्देश जिला स्वास्थ्य विभाग ने दिया है। साथ ही बगोदर में पदस्थापित डॉ कुंदा कुमार को डुमरी रेफरल अस्पताल में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। आश्चर्य की बात यह है कि डॉ कुंदा कुमार बिना किसी सूचना के पिछले तीन महीने से गायब हैं। एसडीएम प्रेमलता मुर्मू ने उनके खिलाफ डीसी को रिपोर्ट किया है। डॉ कुंदन एनसथिसिया के डॉक्टर हैं। इस कारण, उनके नहीं रहने से आपरेशन बंद है। इससे फास्ट रेफरल यूनिट का दर्जा खतरे में पड़ सकता है। पूर्व में यह दर्जा डुमरी से हटाकर बगोदर को देने की तैयारी विभाग कर चुका था। मंत्री जगरनाथ महतो के हस्तक्षेप से यह नहीं हो सका था।
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अधूरा है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण : डुमरी के जामतारा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। सूबे के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने इस अस्पताल भवन का शिलान्यास रेफरल अस्पताल परिसर में किया था। विवाद के कारण बाद में इसका निर्माण जामतारा में शुरू हुआ। यहां भी काम बंद है। कहा जा रहा है कि आवंटन के अभाव में काम बंद है। छह साल बाद भी इसका निर्माण पूरा नहीं हुआ है।
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मंत्री का क्षेत्र होने के बावजूद डुमरी में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत बहुत खराब है। रेफरल अस्पताल में इसीजी तक की व्यवस्था नहीं है। मेरे आंदोलन के बाद यहां अल्ट्रासाउंड मशीन लगी थी। उसे भी उठाकर विभाग ले गया। अस्पताल में न डॉक्टर है न जांच की सुविधा। अनुमंडल बनने के बावजूद अनुमंडल स्तर का अस्पताल यहां नहीं बना।
प्रशांत जायसवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा
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डॉक्टर के अभाव में अधिकांश स्वास्थ्य केंद्र व उप केंद्र बंद हैं। रेफरल अस्पताल में भी डॉक्टर नहीं हैं। डॉक्टर की कमी के कारण आपरेशन बंद है। महिला चिकित्सक सप्ताह में तीन दिन आती थीं। वह भी अब नहीं आ रही हैं। पूरे प्रखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है। स्थानीय प्रतिनिधि के मंत्री होने के बावजूद यह स्थिति है।
यशोदा देवी, आजसू नेता सह निवर्तमान प्रमुख
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यह बात सही है कि अस्पतालों में डॉक्टरों का अभाव है। मंत्री जगरनाथ महतो इस कमी को दूर करने के लिए प्रयासरत हैं। तीन जून के बाद स्वास्थ्य मंत्री से झामुमो की पूरी टीम इस मुद्दे को लेकर मिलेगी। मंत्री जगरनाथ महतो ने भी इसके लिए बात की है।
निरंजन महतो, झामुमो अध्यक्ष डुमरी